नवीनतम आंकड़ों के अनुसार शरण मांगने के लिए अवैध रूप से सीमा पार कर अमेरिका में प्रवेश करने के मामले में विभिन्न अमेरिकी जेलों में तकरीबन 2400 भारतीय बंद हैं।
इन बंदियों में एक खासी बड़ी तादाद पंजाब से आने वालों की है। उनका दावा है कि वे भारत में ‘‘हिंसा से गुजरे हैं या उत्पीड़न’’ के शिकार हुए हैं। सूचना के अधिकार के तहत नार्थ अमेरिकन पंजाबी एसोसिएशन (नापा) ने जो सूचना हासिल की है उसके अनुसार 2382 भारतीय 86 अमेरिकी जेलों में बंद हैं। दस अक्टूबर तक के आंकड़ों के अनुसार 377 भारतीय नागरिक कैलिफोर्निया की एडेलांटो इमिग्रेशन ऐंड कस्टम्स सेंटर में हिरासत में हैं जबकि 269 इंपीरियल रिजनल एडल्ट डिटेंशन फैसिलिटी में और 245 फेडरल करेक्शनल इंस्टीट्यूशन विक्टरविले में हिरासत में हैं। नापा के अध्यक्ष सतनाम एस. चहल ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘संघीय जेलों के ज्यादातर बंदी यह दावा कर के शरण मांग रहे हैं कि उन्होंने अपने देश में ‘हिंसा या उत्पीड़न’ का सामना किया है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी खबर आई थी कि अमेरिका में शरण मांग रहे 50 से ज्यादा अवैध भारतीय आव्रजकों के साथ जेल में अपराधियों की तरह सलूक किया गया है और उनकी पगड़ी भी ले ली गयी है। इन बंदियों को कानूनी मदद कर रहे लोगों ने उनकी हालत के बारे में बताया है। ट्रंप प्रशासन के विवादास्पद ‘ जीरो टॉलरेंस ’ की नीति में फंसे इन आव्रजकों को ओरेगांव के एक संघीय जेल में रखा गया है।
बता दें कि ट्रंप प्रशासन की सख्त आव्रजन नीति की वजह से इस साल 19 अप्रैल से 31 मई के बीच तकरीबन 2,000 बच्चों को उनके अभिभावकों से अलग कर विभिन्न आश्रय स्थलों में रखा गया है। ओरगेगांव की शेरिडान संघीय जेल में कुल 123 अवैध प्रवासियों में सबसे ज्यादा भारतीय हैं। कुल 52 भारतीय में अधिकतर पंजाबी बोलने वाले और सिख हैं। इन बंदियों को जंजीरों में कैद कर दिया गया है।
भाषा के इनपुट के साथ।
