संसाधन संपन्न तंजानिया के साथ संबंध बढ़ाने के क्रम में भारत ने रविवार (10 जुलाई) को उसकी विकास जरूरतों को पूरा करने के लिए उसे पूरा सहयोग देने की पेशकश की और पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किए जिनमें एक जल संसाधन के क्षेत्र में 9.2 करोड़ डॉलर की रिण सहायता देने से संबंधित है। तंजानिया की विकास प्राथमिकताओं को पूरा करने में भारत को एक विश्वस्त साझेदार बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति जॉन पांबे जोसफ मागुफुली के साथ अपनी संपूर्ण रक्षा और सुरक्षा साझेदारी को, खासतौर पर समुद्री क्षेत्र में साझेदारी को गहन करने पर सहमति जताई। उन्होंने कहा, ‘क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर हमारी गहन चर्चा ने समान हित और चिंता के मुद्दों पर हमारे एक दिशा में विचारणीय रुख को झलकाया।’

मोदी ने राष्ट्रपति मागुफुली के साथ अपनी द्विपक्षीय मुलाकात के बाद संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा, ‘तंजानिया के साथ भारत का सहयोग हमेशा आपकी जरूरतों और प्राथमिकताओं के अनुरूप होगा।’ दोनों पक्षों ने एक समझौते पर दस्तखत किए, जिसके तहत भारत जांजीबार की जल आपूर्ति व्यवस्था के पुनर्वास और सुधार के लिए 9.2 करोड़ डॉलर की रिण सहायता प्रदान करेगा। अन्य समझौतों में जल संसाधन प्रबंधन और विकास पर एक एमओयू, जांजीबार में व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना के लिए एमओयू, राजनयिक-आधिकारिक पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा छूट पर एमओयू और भारतीय राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम तथा लघु उद्योग विकास संगठन, तंजानिया के बीच एक समझौता शामिल है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देश तंजानिया के 17 शहरों के लिए दूसरी कई जल परियोजनाओं पर भी काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘इसके लिए भारत 50 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त रियायती रिण सहायता देने पर विचार करने को तत्पर है।’ सार्वजनिक स्वास्थ्य को द्विपक्षीय साझेदारी का एक और महत्वपूर्ण क्षेत्र बताते हुए मोदी ने कहा कि भारत तंजानिया की सरकार की स्वास्थ्य संबंधी प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए तैयार है जिसमें दवाओं और उपकरणों की आपूर्ति शुमार है।

मोदी ने कहा, ‘मुझे बताया गया कि बुगांडो चिकित्सा केंद्र में कैंसर रोगियों के उपचार के लिए एक भारतीय रेडियो-थैरेपी मशीन लगाई जा रही है।’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति मागुफुली के साथ मुलाकात में उन्होंने द्विपक्षीय साझेदारी के संपूर्ण आयाम पर विस्तृत विचार-विमर्श किया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारा ध्यान सहयोग का एक कार्योन्मुखी एजेंडा तैयार करने पर है ताकि हम कम सामर्थ्य में धरातल पर अधिक उपलब्धियां हासिल करने की बात करें। हमने सहमति जताई कि हमारे समाजों के लिए आर्थिक समृद्धि की हमारी एक समान आकांक्षा हमारे सहयोग के विस्तार के लिए नए अवसरों का सृजन कर रही है।’

इसे हासिल करने के लिए दोनों देशों ने कृषि और खाद्य सुरक्षा में गहरी साझेदारी के लिए रजामंदी जताई जिसमें तंजानिया से भारत को दालों के विस्तृत निर्यात के माध्यम से साझेदारी शामिल है। उन्होंने विकास और प्राकृतिक गैस के उपयोग के क्षेत्र में भी मिलकर काम करने का फैसला किया। भारत ने औद्योगिक अर्थव्यवस्था, क्षमताओं और संस्थानों के निर्माण में तंजानिया के साथ साझेदारी पर सहमति जताई। दोनों नेताओं ने उद्योगों के बीच व्यापक संबंधों को प्रोत्साहित करके द्विपक्षीय व्यापार और निवेश साझेदारी को गहरा करने का भी फैसला किया।

भारत पहले ही तंजानिया का महत्वपूर्ण आर्थिक साझेदार है। हमारे संपूर्ण आर्थिक संबंध स्वस्थ हैं और उन्नति की ओर हैं। दोनों ओर का वार्षिक व्यापार करीब तीन अरब डॉलर का है। तंजानिया में भारतीय निवेश पहले ही कुल करीब तीन अरब डॉलर का है। मोदी ने कहा, ‘अफ्रीका के पूर्वी तटीय क्षेत्र और विशेष रूप से तंजानिया के भारत के साथ मजबूत संबंध हैं। हम पुराने समुद्री पड़ोसी हैं। हमारे नेताओं और हमारी जनता ने मिलकर उपनिवेशवाद और नस्लीय दमन का मुकाबला किया है।’

उन्होंने कहा, ‘हमारे कारोबारी 19वीं सदी के प्रारंभ से व्यापार करते रहे। और हिंद महासागर के विस्तृत प्रसार ने हमारे समाजों और हमारी जनता को जोड़कर रखा है।’ मोदी ने कहा, ‘राष्ट्रपति मागुफुली की राष्ट्रनिर्माण, विकास और औद्योगिकीकरण की एक सोच है। ऐसी सोच जो भारत के लिए मेरा भी सपना है।’ मोदी ने कहा कि विकासशील देश के रूप में भारत हमारे लोगों की जिंदगियों को सुधारने की जरूरत और तात्कालिकता को समझता है। उन्होंने कहा, ‘इस लिहाज से दार-एस-सलाम के लिए 10 करोड़ डॉलर की जल आपूर्ति संवर्धन परियोजना का पूरा होना एक अच्छी उपलब्धि है।’

प्रधानमंत्री के मुताबिक शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास आपकी प्राथमिकता के अन्य क्षेत्र हैं जहां भारत हरसंभव सहायता की पेशकश का इच्छुक है। मोदी ने कहा, ‘मैं यह भी समझता हूं कि नेल्सन मंडेला अफ्रीकन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, अरुषा में आईटी रिसोर्स सेंटर पूरा होने के करीब है।’ दोनों नेताओं ने आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन के दोहरे खतरों से लड़ने के लिए करीबी, द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक रूप से काम करने पर सहमति जताई। भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर भारत ने पेरिस में हुए जलवायु सम्मेलन में एक अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन बनाने के लिए प्रयासों की अगुवाई की थी।

मोदी ने कहा, ‘इस गठबंधन में हम तंजानिया का महत्वपूर्ण साझेदार के तौर पर स्वागत करते हैं, जिसमें 120 से अधिक देशों का समर्थन प्राप्त है।’ उन्होंने राष्ट्रपति मागुफुली को भी यथासंभव जल्द किसी मौके पर भारत यात्रा का निमंत्रण दिया।इससे पहले दार-एस-सलाम के स्टेट हाउस पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी का एक समारोह में अभिनंदन किया गया। मोदी अपने चार देशों के अफ्रीका दौरे के तीसरे चरण में शनिवार (9 जुलाई) देर रात यहां पहुंचे।