चीनी आधिकारिक मीडिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के कदम को ‘‘अत्यंत साहसिक’’ बताते हुए आज कहा कि यह एक ‘‘जुआ’’ है जो हर हाल में एक मिसाल पेश करेगा, फिर भले ही यह कदम सफल रहे या विफल साबित हो और चीन भ्रष्टाचार पर इसके प्रभाव से सबक लेगा। सरकारी समाचार पत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने ‘‘मोदी टैक्स ए गैम्बल विथ मनी रिफॉर्म’’ शीर्षक से छपे लेख में कहा, ‘‘मोदी का कदम बहुत साहसिक है। हम इस बात की कल्पना नहीं कर सकते कि यदि चीन 50 और 100 युआन के नोट बंद देता है तो चीन में क्या होगा।’’चीन में सर्वाधिक मूल्य का नोट 100 युआन है।
संपादकीय में कहा गया, ‘‘सूचना लीक होने से बचाने के लिए नोटबंदी संबंधी कदम के क्रियान्वयन को खतरे में डालते हुए योजना को गोपनीय रखना पड़ा। मोदी इस समय दुविधा की स्थिति में हैं क्योंकि इस सुधार का मकसद कालेधन को बेकार करना है लेकिन यह प्रक्रिया कोई नई नीति की शुरूआत से पहले जन समर्थन हासिल करने के प्रशासन के सिद्धांत के विपरीत है।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘भारत में 90 प्रतिशत से अधिक लेन देन नकद में किया जाता है, ऐसे में चलन में मौजूद 85 प्रतिशत नोटों के प्रतिबंधित होने से लोगों को दैनिक जीवन में बहुत मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।’’
संपादकीय में कहा गया है, ‘‘नोटबंदी से भ्रष्टाचार और अवैध आर्थिक गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है लेकिन यह उन गहरी सामाजिक एवं राजनीतिक मामलों को सुलझाने में स्पष्ट रूप से अक्षम है जो पूर्व में बताई गई समस्याओं को बढ़ाने में मददगार हैं।’
इससे पहले इसी अखबार ने 14 नवंबर को कहा था कि इस कदम से भारत में भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बड़े नोट बैन के एलान को चीनी मीडिया ने एक साहसिक और निर्णायक कदम करार दिया था लेकिन साथ ही कहा था कि 500 और 1000 के नोट को खत्म करने से भारत भ्रष्टाचार मुक्त नहीं हो सकता है। ग्लोबल टाइम्स में एक रिपोर्ट में कहा गया था कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अचानक और चौंकाने वाला कदम उठाया है। इस कदम से भारत में तबाही आने जैसे हालात पैदा हो गए हैं। लाखों लोग सड़कों पर कतार में खड़े हैं ताकि वो अपने पुराने नोटों को बदलकर नए करेंसी नोट बैंकों से ले सकें।