मॉरीशस के अधिकारियों ने मंगलवार को जापानी समुद्री जहाज के एक भारतीय कैप्टन को गिरफ्तार कर लिया। यह वही समुद्री जहाज है जिससे कई टन तेल का रिसाव मॉरीशस के नीले पानी वाले समुद्र में हो गया था। जिसके बाद मॉरीशस की सरकार ने इस स्थिति से निपटने के लिए वहां पर्यावरण आपातकाल की घोषणा की थी।

समाचार एजेंसी से बातचीत में मॉरीशस के प्रवक्ता इंस्पेक्टर शिवा कोथेन ने कहा कि हमने जहाज के कप्तान और उनके एक सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया गया है। इन दोनों लोगों को मॉरीशस के पाइरेसी और समुद्री हिंसा अधिनियम के तहत आरोपित किया गया है। इन्हें 25 अगस्त को यहां की स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा। जहाज के कैप्टन भारतीय मूल के नागरिक हैं और गिरफ्तार किये गए उनके दूसरे सहयोगी श्रीलंका के रहने वाले हैं। इसके अलावा पुलिस ने यह भी कहा की हम इस घटना की पूरी जांच कर रहे हैं और सभी क्रू सदस्यों का बयान भी दर्ज कर रहे हैं।

गौरतलब है कि जापान के स्वामित्व वाला एमवी वाकाशिवो नाम का यह तेल टैंकर ब्राजील जा रहा था। लेकिन 25 जुलाई को यह मॉरीशस के मूंगा चट्टान से जा टकराया। इसके बाद इस जहाज का ढांचा समुद्र की तेज लहरों की वजह से टूटने लगा था और इससे तेल का रिसाव शुरू हो गया था। इसकी वजह से मॉरीशस के संरक्षित समुद्री पार्क में मैंग्रोव वनों और विलुप्तप्राय प्रजातियों के लिए खतरा पैदा होने लगा।

समुद्र में हो रहे रिसाव से निपटने के लिए मॉरीशस सरकार ने कई देशों से मदद मांगी है। फ्रांस ने अपने विशेषज्ञों की एक टीम मॉरीशस भेजी थी। फिलहाल यह टीम मॉरीशस के अधिकारियों की मदद में जुटी हुई है। वहीं जापान भी मॉरीशस की मदद कर रहा है। मॉरीशस में मदद कार्यों में जुटी जापान इंटरनेशनल कॉपरेशन एजेंसी ने कहा है कि तेल रिसाव की बड़ी मात्रा को समुद्र से हटा लिया गया है और अब बेहद कम ईंधन ही समुद्री किनारे पर बचा है। जापान की 6 सदस्यीय टीम पहले से ही इस राहत कार्य में जुटी हुई है। इसके अलावा जापान ने सोमवार को यह भी घोषणा की है कि वह रिसाव को जल्दी से जल्दी खत्म करने के लिए 7 विशेषज्ञों वाली दूसरी टीम को मॉरीशस भेज रहा है।

इससे पहले मॉरीशस के समुद्र में हो रहे तेल के रिसाव रोकने के लिए भारत ने भी मदद भेजी थी। तेल रिसाव की समस्या से निपटने के लिए भारतीय तटरक्षक बल की 10 सदस्यीय टीम को भी तैनात किया गया था। वहीं भारतीय वायुसेना के एक विमान से 30 टन तकनीकी सामग्री मॉरीशस भेजी थी जिसमें तेल सोखने वाले पैड भी शामिल थे।