मालदीव और भारत के बीच तनाव का माहौल कम नहीं हो रहा है। कभी दोनों देशों के बीच बयान पर टकराव होता है तो कभी दोनों देशों के बीच पड़ोसियों के हस्तक्षेप को लेकर विवाद की स्थिति बन जाती है। इस बीच 14 साल के एक बच्चे को मेडिकल इमरजेंसी की जरूरत पड़ने पर उसके परिजनों की मांग पर भी भारतीय हेलिकॉप्टरों के इस्तेमाल की इजाजत नहीं दी। गैफ अलिफ विलिंगिली स्थित अपने घर से राजधानी माले के अस्पताल पहुंचने में काफी देर हो जाने से बच्चे की मौत हो गई। बच्चे को ब्रेन ट्यूमर था और अचानक स्ट्रोक आने पर उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाना जरूरी था। परिजनों ने बच्चे को राजधानी माले ले जाने के लिए एयर एंबुलेंस के लिए अनुरोध किया, लेकिन वहां के अधिकारी इसकी अनुमति देने में 15 घंटे लगा दिए। इससे उसके अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो गई।

भारत का दो नौसैनिक हेलिकॉप्टर और एक डोर्नियर विमान मालदीव में है

भारत ने मालदीव को पहले से ही मेडिकल इवैक्यूएशन और अन्य हाई एवेलेबिलिटी डिजास्टर रिकवरी (HARD) गतिविधियों के लिए दो नौसैनिक हेलीकॉप्टर और एक डोर्नियर विमान भेजा है। लेकिन वहां की सरकार ने उसके उपयोग की अनुमति नहीं दी। इसको लेकर मालदीव सरकार की आलोचना भी हो रही है।

परिजनों ने एयरलिफ्ट का अनुरोध किया, लेकिन प्रशासन ने नहीं दी अनुमति

मीडिया सूत्रों के मुताबिक बच्चे के पिता ने स्ट्रोक आने के फौरन बाद राधानी माले ले जाने के लिए आइलैंड एविएशन से अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने तुरंत कोई जवाब नहीं दिया। 15 घंटे बीतने के बाद उन्होंने अपना जवाब दिया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। करीब 16 घंटे बाद परिजन पीड़ित बच्चे को लेकर जब माले पहुंचे तो उसकी मौत हो चुकी थी।

उधर, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) गुरुवार को मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर (Moosa Zameer) से मिले और भारत-मालदीव संबंधों पर “खुलकर बातचीत” की। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के 15 मार्च तक अपने देश से भारतीय सैन्य कर्मियों की वापसी के निर्देश के बाद से दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं।

दोनों नेताओं की मुलाकात युगांडा की राजधानी कंपाला में गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) की एक मंत्रिस्तरीय बैठक के मौके पर हुई। ज़मीर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि भारत और मालदीव “अपने सहयोग को और मजबूत करने और विस्तार करने” के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, “हमने भारतीय सैन्य कर्मियों की वापसी के साथ-साथ #मालदीव में चल रही विकास परियोजनाओं को पूरा करने और सार्क और एनएएम के भीतर सहयोग पर चल रही उच्च स्तरीय चर्चा पर विचारों का भी आदान-प्रदान किया।”