मालदीव और भारत के रिश्तों में आए सुधार से वहां भारतीय विमानों का इस्तेमाल फिर शुरू हो गया। भारत सरकार ने मालदीव को उपहार में डोर्नियर विमान और हेलीकॉप्टर दिया था। इनका इस्तेमाल मेडिकल जरूरतों और मेडिकल निकासी सेवाओं में किया जाना था। इनके साथ भारत ने अपने सैन्य कर्मियों को भी भेजा था, लेकिन भारत से भेजे गये सैन्यकर्मियों को नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने वापस कर दिया था। इस दौरान भारत को लेकर मालदीव के नेताओं की बयानबाजी से बीच में दोनों देशों के संबंध खराब हो गये थे। हालांकि अब इसमें सुधार हो गया है।

स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति ने शुरू करने का किया था ऐलान

दोनों देशों के बीच मालदीव में तीन विमानन प्लेटफार्म का संचालन करने वाले भारतीय सैन्य कर्मियों की वापसी पर सहमति बनने के बाद यह कदम उठाया गया है। भारत की ओर से दिए गये विमानों के साथ गये सैन्यकर्मियों को वहां पर हनीमाधु तथा लामू कधधू और सीनू गण में तैनात किया गया था। हाल ही में मालदीव के स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति मुइज्जू ने इन विमानों से मेडिकल निकासी का काम फिर शुरू करने ऐलान किया था। भारतीय सैन्य कर्मियों की मदद से हाल ही में मरीजों को राजधानी माले पहुंचाया गया।

समाचार पोर्टल ‘एडिशन.एमवी’ की खबर के अनुसार मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (MNDF) ने स्थानीय मीडिया को बताया कि डोर्नियर उड़ान और हेलीकॉप्टर के माध्यम से चिकित्सा निकासी सेवाओं को फिर से शुरू कर दिया गया है। खबर के अनुसार इस बार भारत से भेजे गए असैन्य दल के साथ इन सेवाओं को शुरू किया गया है। डोर्नियर विमान और हेलीकॉप्टर का संचालन पहले भारतीय सैन्यकर्मियों द्वारा किया जाता था और पिछले वर्ष नवम्बर में राष्ट्रपति मुइज्जू के शपथ ग्रहण के तुरंत बाद इनका संचालन बंद कर दिया गया था। चीन समर्थक नेता माने जाने वाले मुइज्जू द्वारा 10 मई तक मालदीव में तीन विमानन प्लेटफॉर्म का संचालन करने वाले सभी भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस भेजने पर जोर देने के बाद दोनों देशों के संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया था।

मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर ने कुछ दिन पहले कहा था कि 76 भारतीय सैन्य कर्मियों को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के असैन्य कर्मचारियों द्वारा बदल दिया गया है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने ही इन विमानों का निर्माण किया था। मालदीव में हेलीकॉप्टरों के लिए दो प्लेटफार्मों और मुख्य रूप से मेडिकल निकासी के लिए उपयोग किए जाने वाले डोर्नियर विमान को संचालित करने के लिए तैनात भारतीय सैन्य कर्मियों को फरवरी में नई दिल्ली में दोनों देशों के बीच एक समझौते के बाद निर्धारित 10 मई की समय सीमा के अनुसार शुक्रवार तक वापस भेज दिया गया था।