मालदीव में संसदीय चुनाव के नतीजे आ गए हैं। चुनाव में चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की पार्टी पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) ने करीब दो तिहाई बहुमत के साथ शानदार जीत हासिल की है। इस चुनाव को देश के राष्ट्रपति मुइज्जू के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जिनकी नीतियों पर मालदीव में प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहे भारत और चीन की नजर रहती है। कुल 93 सीटों में से मुइज्जू की पार्टी को 66 सीटों पर जीत मिली हैं। इसके आलावा 6 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों की भी जीत हुई है।
रविवार को हुआ था मतदान
मालदीव में रविवार को चुनाव हुआ था। मालदीव की पीपुल्स मजलिस (संसद) के लिए मतदान स्थानीय समयानुसार रविवार को सुबह 8:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक हुआ। इसके अनुसार मतदान समाप्त होते ही निर्वाचन अधिकारियों ने देश भर में मतपेटियों को सील कर दिया और मतगणना शुरू हुई। संसद में बहुमत नहीं होने के कारण मुइज्जू के लिए नए कानून बनाने में दिक्कतें पेश आ रही थीं। मालदीव में चुनाव के लिए कुल 2,07,693 लोगों ने मतदान किया। मालदीव के चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार कुल 72.96 प्रतिशत मतदान हुआ। इसमें 1,04,826 पुरुष और 1,02,867 महिलाएं शामिल हैं। इससे पहले 2009 में 78.15, 2014 में 78.80 और 2019 में 81.80 फीसदी लोगों ने मतदान किया।
भारत को लगेगा झटका?
मालदीव के चुनाव में मुइज्जू की पार्टी की जीत को भारत के लिए झटका माना जा रहा है। मुइज्जू चीन के समर्थन में लगातार बयान देते रहे हैं। राष्ट्रपति मुइज्जू को पिछले सितंबर में पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के प्रॉक्सी के रूप में चुना गया था। उन्होंने अपने चुनाव के दौरान देश की “इंडिया फर्स्ट” नीति को खत्म करने का वादा किया था। चीन समर्थक नेता के रूप में देखे जाने वाले मुइज्जू के लिए यह चुनाव महत्वपूर्ण है, क्योंकि चुनाव से कुछ ही दिन पहले, विपक्षी दलों ने 2018 से उनके कथित भ्रष्टाचार की रिपोर्ट लीक होने के बाद राष्ट्रपति के खिलाफ जांच और महाभियोग चलाये जाने की मांग की। हालांकि मुइज्जू ने इस आरोप को खारिज कर दिया।
इनपुट-एजेंसी