Clashes at Palestinian Camp in Lebanon: लेबनान में स्थित फिलिस्तीनी शरणार्थी कैंप में पिछले तीन दिन से हिंसक झड़प जारी है। हिंसा में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है और 40 से अधिक लोग घायल हैं। दक्षिणी लेबनान में स्थित ईन अल-हिलवे फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविर में दो विपक्षी गुटों के बीच शनिवार को हिंसक झड़प शुरू हुई। भारी गोलीबारी के कारण कई लोग अपना घर छोड़कर कैंप में भागने को मजबूर हो गए। ईन अल-हिलवे में 63 हजार से अधिक शरणार्थी रहते हैं।

अधिकारियों ने बताया कि हिंसक झड़प में फतह गुट के 5 लोगों की मौत हुई है। वहीं इस्लामिस्ट गुट के भी 1 व्यक्ति की मौत हुई है। लोकल मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दक्षिणी लेबनान में स्थित शरणार्थी कैंप में 40 से अधिक लोग घायल हुए जिसमें छोटे बच्चों से लेकर महिलाएं शामिल हैं। शनिवार को हिंसा की शुरुआत एक अज्ञात हमलावर के गोली चलाने से हुई। इस हिंसक झड़प में फतह गुट के कमांडर अबू अशरफ अल-अरमूची की मौत के बाद हिंसा बढ़ गई।

युद्ध क्यों शुरू हुआ?

हाल के ही दिनों में ईन अल-हिलवे में फतह गुट का दबदबा बढ़ने लगा था। इस घटना से विरोधी गुट नाराज चल रहे थे। फतह और इस्लामिस्क गुट जुनूड अल शम के सदस्यों के बीच चल रहे युद्ध में एक मोर्टार शेल लेबनान के सैनिक को जा लगी। लेबनानी सैनिक की हालत अब ठीक बताई जा रही है। बता दें कि लेबनान के सैनिक ईन अल-हिलवे को बाहर से सुरक्षा प्रदान करते है। अंदर में चल रहे हिंसा में उनको दखल देने का अधिकार नहीं है। दोनों गुटों ने कैंप के अंदर असॉल्ट राइफल, रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड लॉन्चर और हैंड ग्रेनेट से युद्ध किया। ईन अल-हिलवे के तंग गलियों में चल रहे इस युद्ध से आम शरणार्थियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा। हिंसा के कारण संयुक्त राष्ट्र द्वारा चलाए जा रहे दो स्कूल भी क्षतिग्रस्त हो गए है। लेबनान के केयर टेकर प्रधानमंत्री नजीब मिकती ने इस युद्ध की निंदा की है और उन्होंने फिलिस्तीनी नेताओं से आग्रह किया है कि वह लेबनानी सेना की सहायता लेकर शांति स्थापित कर सकते हैं।

ईन अल-हिलवे कैंप क्या है?

लेबनान और पड़ोसी देश में स्थित अनेकों फिलिस्तीनी शरणार्थी कैंप में से एक है। ईन अल-हिलवे 1948 में नकबा दुर्घटना के बाद बनाया गया था। इजराइल देश के बनने के बाद इजराइल में रह रहे फिलिस्तीनी लोगों को मार कर भगा रहे थे। इसी निष्कासन के बाद 7 लाख से अधिक फिलिस्तीनी अपना घर छोड़कर पड़ोस के देश में शरण लेने को मजबूर हो गए। लेबनान ने फिलिस्तीनी शरणार्थी को अपने देश में शरण दी। ईन अल-हिलवे को अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस कमेटी ने बनवाया है। शुरूआती शरणार्थी उत्तरी फिलिस्तीनी और कोस्टल शहर से आये हुए लोग थे। अब इसमें अधिकांश शरणार्थी लेबनान गृह युद्ध के बाद आये हैं।