अलास्का में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन की अहम मुलाकात हुई है। इस मुलाकात के दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध पर चर्चा की गई, किस तरह से इस खूनी जंग को रोका जाए, इस पर मंथन हुआ। अब वो मीटिंग में कोई भी डील फाइनल नहीं हो पाई है, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप ने माना है कि मुलाकात खासा सकारात्मक रही है।
पुतिन ने ट्रंप के सामने क्या-क्या बोला?
मुलाकात के दौरान राष्ट्ट्रपति पुतिन ने साफ कर दिया है कि यूक्रेन के साथ युद्ध तभी समाप्त हो सकता है जब इस युद्ध की असल वजह समझी जाएगी। अब जानकारी के लिए बता दें कि पुतिन ने जब तीन साल पहले इस युद्ध की शुरुआत की थी, तब सिर्फ एक ही उदेश्य था- यूक्रेन को खत्म करना था, उसकी मिलिट्री को डिस्मैंटल करना था। अब जब पुतिन की राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात हुई, इस स्टैंड में कोई बदलाव नहीं दिखा है, उन्होंने सीधे तो कुछ नहीं बोला, लेकिन इतना जरूर रहा कि जिन उदेश्यों के साथ युद्ध शुरू हुआ, उन्हें याद रखना जरूरी है।
पुतिन ने यूक्रेन से युद्ध खत्म करने पर क्या बोला?
बीबीसी के मुताबिक अलास्का बैठक के दौरन एक समय ऐसा था जब दोनों पुतिन और ट्रंप ने एक दूसरे के बगल में बैठ 10 मिनट तक बातचीत की। उस बातचीत के दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं इस बात को लेकर बहुत गंभीर हूं, मैं चाहता हूं कि युद्ध खत्म हो। मेरे लिए खुद यह युद्ध एक त्रासदी से कम नहीं है। इसके बाद पुतिन ने कहा कि अलास्का में जो बैठक हुई है, इसे हम एक शुरुआती चरण मान सकते हैं जिसके जरिए युद्ध का अंत होगा।
अलास्का मीटिंग में ट्रंप क्या रुख रहा है?
इसके बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि कुछ मुद्दों पर अभी भी सहमति नहीं बन पा रही है और मैं तब कोई भी डील नहीं मान सकता जब तक असल में हर मुद्दे पर सहमति ना बन जाए। ट्रंप ने मीटिंग खत्म होने के बाद भी इस बात का जिक्र किया, उन्होंने कहा कि हम किसी भी तरह के निर्णयाक निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाए।
मीटिंग में युद्ध खत्म करने को लेकर क्यों नहीं हुई डील?
वैसे मुलाकात के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने बताया था कि कई मुद्दों पर सहमति बनी है, कुछ पर बनना बाकी है। उन्होंने यहां तक कहा कि उम्मीद है कि जल्द ही फिर मुलाकात होने वाली है। इस उम्मीद पर ही पुतिन ने कहा कि अब हम दोनों मॉस्को में मिलेंगे। अब पुतिन ने ट्रंप के साथ हुई मुलाकात का तो स्वागत किया, लेकिन उन्होंने एक बार फिर यूक्रेन और यूरोपीय देशों पर निशाना साधा। उन्होंने जोर देकर कहा कि शांति वार्ता में ये लोग हस्तक्षेप करने का काम नहीं करेंगे।
पुतिन और ट्रंप ने मीडिया से नहीं की सीधी बात
पुतिन ने ही जानकारी दी कि मुलाकात के दौरान ट्रंप की जैसी शैली दिखी, उससे लगा कि वे रूस का हित चाहते हैं। उन्होंने यहां तक माना कि ट्रंप उनके देश की प्रगति के बारे में सोचते हैं, वे इस बात को समझते हैं कि रूस के अपने भी कुछ हित हैं जिनका ध्यान रखा जाना है। अब जानकार मानते हैं कि दोनों ही नेताओं के बीच में महत्वपूर्ण बातचीत जरूर हुई है, लेकिन क्योंकि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया के सवाल नहीं लिए, यह बताने के लिए काफी है कि अभी भी आम सहमति नहीं बन पाई है।
अलास्का मीटिंग को लेकर एक्सपर्ट्स की राय
समझने वाली बात यह है कि राष्ट्रपति ट्रंप तो अलास्का मीटिंग में आए ही इसलिए थे जिससे उन्होंने सीजफायद का तोहफा मिले। वे इससे कम कुछ नहीं चाहते थे, उनकी तरफ से मीटिंग से पहले रूस को धमकी तक दी गई थी। लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद भी पुतिन ने ट्रंप को सीजफायद नहीं दिया, ऐसे में इसे उनके लिए एक झटके के रूप में देखा जा रहा है। इसके ऊपर अभी तक राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भी इस अलास्का मुलाकात को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है, ऐसे में उनका स्टैंड भी स्पष्ट नहीं हो पाया है।
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