लंदन में 6 मई को वेस्टमिंटर एबे में किंग चार्ल्स III की ताजपोशी की जाएगी। राज्याभिषेक में सबसे पवित्र धार्मिक रस्म के लिए इस्तेमाल होने वाले कपड़े के पर्दे का अनावरण किया गया है। पर्दे पर भारत समेत राष्ट्रमंडल के प्रत्येक सदस्य देश का नाम होगा। ब्रिटिश राजशाही के लंदन स्थित आधिकारिक आवास बकिंघम पैलेस ने यह जानकारी दी है।

राज्याभिषेक पर्दे का किया गया अनावरण

राज्याभिषेक पर्दे का अनावरण किया गया है। पर्दे के बीच में पेड़ बना है और उसकी 56 शाखाएं और शाखाओं पर राष्ट्रमंडल देशों के नाम लिखें हैं। पैलेस का कहना है कि यह किंग के इस संगठन के लिए गहरे जुड़ाव को दर्शाता है। ऐतिहासिक रूप से यह रस्म किंग और ईश्वर के बीच जुड़ाव का क्षण मानी जाती है। यह रस्म ब्रिटिश किंग की ताजपोशी से पहले होती है।

इस परियोजना के डिजाइनर एडन हार्ट ने कहा, “डिजाइन का प्रत्येक तत्व ऐतिहासिक राज्याभिषेक और राष्ट्रमंडल के पहलुओं के प्रतीक चिह्न के रूप में बनाया गया है, पक्षी सौहार्द्रपूर्ण तरीके से रह रहे एक समुदाय के सदस्यों के बीच खुशी और संवाद को दर्शाते हैं, फरिश्ते और कबूतर पवित्र आत्मा को दर्शाते हैं।”

क्या है रस्म की खासियत?

ताजपोशी सेरेमनी समारोह के दौरान वेस्टमिंस्टर के डीन एक कलश से पवित्र तेल राज्याभिषेक के लिए बनी चम्मच में डालते हैं और कैंटरबरी के आर्कबिशप महाराजा के हाथों, सीने और सिर पर यह तेल लगाते हैं। अगले शनिवार को यह कार्यक्रम होगा। इसके लिए भव्य समारोह का आयोजन किया गया है। इसके मद्देनजर लंदन में सेंट जेम्स पैलेस के चैपल रॉयल में इस पर्दे का अनावरण किया गया। इस पर बनी पत्तियां रॉयल स्कूल ऑफ नीडलवर्क के कर्मियों और छात्रों एवं वरशिपफुल कंपनी ऑफ बॉर्डर्स, ड्रैपर्स एंड वीवर्स के सदस्यों ने बुनी है। इस स्क्रीन को बनाने में इस्तेमाल सामग्री ब्रिटेन और अन्य राष्ट्रमंडल देशों से मंगाई गई। कपड़े को ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से मंगाई ऊन से बनाया गया है।

(भाषा इनपुट)