किम जोंग-उन के सौतेले भाई की हत्या के मामले में जांच कर रहे मलेशिया के जांचकर्ता उत्तर कोरिया के एक राजनयिक से पूछताछ करना चाहते हैं। मलेशिया के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। पिछले सप्ताह कुआलालम्पुर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पर सरेआम किम जोंग-नाम की हत्या कर दी गयी और मामले में जांच कर रहे जांचकर्ताओं ने उत्तर कोरिया के पांच नागरिकों को अपनी जांच के दायरे में रखा है तथा वे तीन और लोगों से पूछताछ करना चाहते हैं।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी खालिद अबु बकर ने संवाददाताओं को बताया कि जांच के दायरे में दूतावास के द्वितीय सचिव ह्योंग क्वांग सॉन्ग के साथ उत्तर कोरियाई एयरलाइन के कर्मचारी किम उक द्वितीय का नाम शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने राजदूत को पत्र लिखकर दोनों से पूछताछ की अनुमति मांगी है। उम्मीद है कि कोरियाई दूतावास हमारे साथ सहयोग करेगा और हमें जल्द पूछताछ की अनुमति देगा। अगर ऐसा नहीं होता तो हम उन्हें बुलाने के लिये दबाव डालेंगे।’

बीते सोमवार (13 फरवरी) को मकाऊ में किसी विमान का इंतजार कर रहे जोंग-नाम पर हमला हुआ था जिससे उनकी मौत हो गयी थी। मलेशियाई पुलिस ने कहा कि उन्हें दौरा पड़ा और जब तक उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया तब तक उनकी मौत हो गयी थी। आशंका है कि उनकी मौत जहर से हुई। दक्षिण कोरिया शुरू से आरोप लगाता रहा है कि इस हत्या के पीछे उत्तर कोरिया का हाथ है।

उत्तर कोरिया के ये पांचों संदिग्ध क्या हत्या के मास्टरमाइंड थे, यह पूछे जाने पर खालिद ने कहा कि उनका मानना है कि इस हत्या में इन सभी का ‘बड़ा हाथ’ है। उन्होंने कहा कि हत्या वाले दिन ही इनमें से चार देश छोड़ फरार हो गये थे और प्योंगयांग लौट गये थे जबकि एक मलेशिया में हिरासत में है। बहरहाल, पुलिस प्रमुख ने उन दावों को खारिज किया कि महिलाओं को लगा था कि यह हमला टीवी पर प्रसारित किए जाने वाला कोई मजाक था।

खालिद ने कहा, ‘निश्चित तौर पर वे जानती थीं’ कि हमले में जहर का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि आपने वीडियो देखा है? वीडियो में महिला बाथरूम की ओर जाती दिख रही है। उसे अच्छे से पता था कि यह जहर है और इसके लिये उसे हाथ धोने की जरूरत है।’ खालिद ने बताया कि संदिग्ध महिलाओं — वियतनाम की दोआन थी ह्योंग (28) और इंडोनेशिया की सीती ऐशाह (25) को किसी व्यक्ति के चेहरे को रगड़ने का प्रशिक्षण दिया गया था और हवाईअड्डा पर हमले को अंजाम देने से पहले उन्होंने इसका अभ्यास किया था।

मलेशियाई पुलिस प्रमुख ने कहा कि ऐशाह ने सबसे पहले उनके (जोंग-नाम) चेहरे पर जहरीला पदार्थ पोंछा, जिसके बाद ह्योंग ने भी ऐसा ही किया। खालिद ने कहा कि जांच बिल्कुल ‘निष्पक्ष’ हो रही है और उत्तर कोरिया के दूतावास का अब कर्तव्य है कि वह उनका सहयोग करें। हमले को लेकर उत्तर कोरिया और मलेशिया के बीच राजनयिक विवाद पैदा हो गया है। उत्तर कोरिया के दूत जोंग-नाम के शव को वापस करने पर जोर दे रहे हैं और उन्होंने पोस्टमॉर्टम का भी विरोध जताया है। बहरहाल, मलेशिया ने इस अनुरोध को यह कहकर खारिज किया है कि जब तक उनके परिवार का कोई सदस्य आकर उनकी शिनाख्त नहीं करता और अपना डीएनए नमूना नहीं दे जाता तब तक जोंग-नाम का शव निश्चित रूप से शवगृह में ही रहेगा।