Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच तीन साल से जारी युद्ध अब तक थमा नहीं है। शांति बहाली और समझौते की तमाम कोशिशें नाकाम रही हैं। इसी दौरान अमेरिका दोनों देशों से बातचीत कर एक शांतिपूर्ण समाधान की तलाश में जुटा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन और रूस के बीच संभावित समझौते को लेकर ट्रंप प्रशासन ने एक चौंकाने वाला प्रस्ताव तैयार किया है। ट्रंप के विशेष दूत ने सुझाव दिया है कि यूक्रेन के कुछ अहम क्षेत्रों को रूस को सौंप दिया जाए। हालांकि, इस ‘डील’ को लेकर ट्रंप प्रशासन के अंदर ही रणनीतिक मतभेद उभर कर सामने आ रहे हैं।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, युद्ध को खत्म करने की प्लानिंग के तहत सबसे पहले यूक्रेन को दो हिस्सों में बांटे जाने का प्रस्ताव दिया गया है। यूक्रेन के पूर्व में रूसी सेना का कब्जा होगा। जबकि, पश्चिम ब्रिटेन और फ्रांस की सेना आश्वासन बल के तौर पर तैनात रहेंगी। वहीं मध्य में समूचा यूक्रेन असैन्य क्षेत्र रहेगा, जहां पर लोग रहेंगे। इसके अलावा वहीं पर यूक्रेनी सेना भी रहेगी। इसमें अमेरिका की तरफ से कोई भी जमीनी सेना तैनात नहीं की जाएगी। टाइम्स समाचार को एक इंटरव्यू में कीथ केलाग ने यह सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल एकदम वैसा ही होने वाला है जैसे दूसरे वर्ल्ड वॉर के बाद जर्मनी के साथ में हुआ था।
युद्ध विराम को लेकर रूस ने अमेरिका के सामने रखी शर्तें
रूस और यूक्रेन युद्ध तीन साल से चल रहा
बता दें कि अमेरिका ने कुछ दिन पहले सऊदी अरब में रूसी डेलिगेशन से बातचीत की थी। उस दौरान अमेरिका ने प्रस्ताव देते हुए कहा था कि पहले 30 दिन के लिए अस्थायी तौर पर सीजफायर लागू होना चाहिए। हालांकि, रूस ने इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया था। रूस का कहना था कि अगर युद्धविराम होगा तो पूरी तरह से होगा। गौरतलब है कि युद्ध अब तीन साल से ज्यादा वक्त से चल रहा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की पश्चिमी देशों के साथ और खासतौर पर नाटो में शामिल होना चाहते थे।
कई लोगों की गई जान
रूस यूक्रेन के लगभग 20 फीसदी हिस्से पर कब्जा रखता है। इसमें ज्यादातर पूर्वी हिस्सा शामिल है। लाखों लोगों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है और कई लोगों की जान चली गई है। रिपोर्ट के अनुसार, अभी यह साफ नहीं है कि केलॉग की योजना आगे बढ़ेगी या नहीं, लेकिन कई यूक्रेनी अधिकारी इसके खिलाफ हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर UN में अहम प्रस्ताव पास
