अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने एक असमान्य कदम के तहत फलस्तीन में नयी बस्तियां बसाने के इस्राइल के फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि इस यहूदी देश पर फिलहाल इसके इतिहास का सर्वाधिक दक्षिणपंथी सरकार का शासन है, जो एक राष्ट्र के सिद्धांत में यकीन रखता है, जिस पर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनयाहू की तीखी प्रतिक्रिया आई है। घंटे भर लंबे बड़े नीतिगत भाषण में केरी ने कहा कि इस्राइल फलस्तीन संघर्ष के लिए अमेरिका द्विराष्ट्र के सिद्धांत में यकीन रखता है और मानता है कि क्षेत्र में न्यायसंगत और टिकाऊ शांति हासिल करने का यह एकमात्र तरीका है। यह भाषण इस्राइल और आगामी ट्रंप प्रशासन में कइयों को नागवार गुजरा है। केरी ने बुधवार (28 दिसंबर) को कहा, ‘यह एक ऐसा मुद्दा है जिस बारे में आप सभी जानते हैं कि मैंने विदेश मंत्री रहने के दौरान एक सामान्य कारण से गंभीरता से काम किया है क्योंकि द्विराष्ट्र सिद्धांत ही इस्राइल और फलस्तीन के बीच न्यायसंगत और टिकाऊ शांति हासिल करने के लिए एकमात्र तरीका है।’

केरी ने कहा, ‘फलस्तीन के लोगों के लिए भविष्य की स्वतंत्रता और गरिमा सुनिश्चित करने के लिए यह एकमात्र तरीका है और क्षेत्र में अमेरिकी हितों को बढ़ाने के लिए यह एक अहम तरीका है।’ उन्होंने कहा कि इस्राइल के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव से अमेरिका के दूर रहने के फैसले ने द्विराष्ट्र सिद्धांत को कायम रखने में मदद की। उन्होंने बताया कि हालांकि नेतनयाहू ने कहा है कि वह द्विराष्ट्र के सिद्धांत में यकीन रखते हैं, पर इस्राइल में वह जिस सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं वह वहां के इतिहास का सबसे दक्षिणपंथी है। केरी ने कहा, ‘बस्तियों का एजेंडा इस्राइल का भविष्य है और उनका बताया गया उद्देश्य स्पष्ट है: वे एक राष्ट्र में यकीन रखते हैं।’ वहीं, इस्राइल और फलस्तीन को समान तरजीह दिए जाने पर नेतनयाहू ने फौरन ही केरी की आलोचना की।