Japan Prime Minister Shigeru Ishiba Resign Update: जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने “एलडीपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है।” इस कदम से दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था राजनीतिक अनिश्चितता के एक नए दौर में पहुंच गई है।
पिछले अक्टूबर में प्रधानमंत्री बनने के बाद से, इशिबा को लगातार चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है। जापान में उनकी सरकार अल्पमत (कम सीटों वाली) है, जिससे नीतियां लागू करना और मुश्किल हो गया है। जुलाई में हुए उच्च सदन के चुनाव में भी सत्तारूढ़ गठबंधन बहुमत से चूक गया था। जुलाई में हुए चुनाव में एलडीपी और उसकी सहयोगी कोमेइतो को सिर्फ 47 सीटें मिलीं। पहले इनके पास 75 सीटें थीं। लेकिन 248 सदस्य वाले इस सदन में साधारण बहुमत पाने के लिए उन्हें कम से कम 125 सीटें चाहिए थीं। इसका मतलब है कि बहुमत पाने के लिए उन्हें 50 और सीटों की जरूरत थी।
चुनावी हार के बाद, उनकी खुद की पार्टी के कई दक्षिणपंथी नेता उनसे नाराज हैं और इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि इशिबा जुलाई में हुई चुनावी हार की जिम्मेदारी लें। एनएचके की रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार को जापान के कृषि मंत्री और एक पूर्व प्रधानमंत्री ने इशिबा से मुलाकात की और उन्हें इस्तीफा देने के लिए मनाया।
कौन हैं इशिबा शिगेरू?
शिगेरू इशिबा जापान के 102वें प्रधानमंत्री हैं। तोत्तोरी में एक राजनेता पिता के घर जन्मे इशिबा स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद कीओ यूनिवर्सिटी में कानून की पढ़ाई करने के लिए टोक्यो चले गए। उन्होंने मित्सुई बैंक में काम किया, लेकिन 1983 में राजनीति में शामिल हो गए और 1986 में तोत्तोरी प्रान्त से प्रतिनिधि सभा के लिए चुने जाने वाले सबसे कम उम्र के सदस्यों में से एक बने।
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पूर्व रक्षा मंत्री ने कई अन्य पदों पर भी काम किया। इसमें जापान में जनसंख्या में गिरावट पर काबू पाने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने संबंधी परिषद के प्रभारी मंत्री और कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन के वरिष्ठ राज्य सचिव का पद शामिल है। 1993 में इशिबा एल.डी.पी. से अलग होकर जापान रिन्यूअल पार्टी में शामिल हो गए, लेकिन तीन साल बाद 1996 में वे एल.डी.पी. में वापस आ गए।