जापान के वैज्ञानिकों ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर ली है। वो ऐसा करने वाला पांचवा देश बन गया है। जापान के इस मून मिशन का नाम था स्लिम जिसका मतलब होता है- Smart Lander for Investigating Moon। जापान ने अपने इस मिशन को चांद की उस सतह पर लैंड करवाया है जहां पर सबसे ज्यादा अंधेरा रहता है।

अब जापान का ये स्लिम चांद पर बहने वाली प्लाज्मा हवाओं की जांच करने वाला है। उस जांच के दम पर ही आगे चलकर आकाशगंगाओं की उत्पत्ति का पता करने की कोशिश की जाएगी। यहां ये समझना जरूरी है कि इस मिशन को जापान ने जरूर पूरा किया है, लेकिन उसे नासा, यूरोपियन स्पेस एजेंसी का भी पूरा साथ मिला। जानकारी के लिए बता दें जापान की स्पेस एजेंसी ने पिछले साल 6 सितंबर को अपने इस स्लिम मिशन को लॉन्च किया था।

असल में जापान का एक काफी खास रॉकेट है- H-IIA, उस के जरिए इस मिशन को पूरा करने का सपना देखा गया था। ये रॉकेट अपने 98 फीसदी की सक्सेस रेट साथ लेकर आता है, ऐसे में स्पेस एजेंसी आश्वस्त थी कि इस बार ये मिशन सफल हो जाेएगा। वैसे भी इस मिशन पर जापान ने 831 करोड़ रुपये लगाए थे, ऐसे में जितने संसाधन लगे, उस लिहाज से उसके सफल होने को लेकर दबाव भी था।

वैसे जापान को ये जो सफलता अब मिली है, वो कई विफलताओं के बाद हाथ लगी है। पिछले साल उसका लैंडर ओमोतेनाशी का संपर्क टूट गया था। इसी तरह हाकूतो आर मिशन चांद पर क्रैश कर गया था। ऐसे में पुरानी गलतियों से सीखते हुए इस मिशन को पूरा किया गया है।