दक्षिण पश्चिम जापान में दो जबर्दस्त भूकंप आने से कम से कम 32 व्यक्ति मारे गए जबकि सैकड़ों लोगों के जिंदा दफन हो जाने की आशंका है। ऐसे में तूफान के अनुमान से और विध्वसंकारी भूस्खलन का डर पैदा हो गया है। भूकंप से पहाड़ी के ढह जाने से मकान, सड़कें और रेल लाइनें ध्वस्त हो गर्इं तथा हजारों टन मलबा इधर से उधर हो गया। कुमामाटो और उसके आसपास के क्षेत्रों में भूकंप के बाद के झटके आ रहे हैं।
एक विश्वविद्यालय की डॉर्मेट्री और अपार्टमेंट कम्प्लेक्स समेत कई भवन मलबे में तब्दील हो गए तथा दर्जनों लोगों का अता-पता नहीं है। मुख्य सचिव योशिहिदे सुगा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हमें ऐसे विभिन्न स्थानों की जानकारी है जहां लोग जिंदा दफन हो गए।’ उन्होंने कहा, ‘पुलिस, दमकलकर्मी और स्वयं रक्षा बल के कर्मी उन्हें बचाने के लिए जो कुछ कर सकते हैं, कर रहे हैं।’ करीब 70,000 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। उनमें से एक बांध के समीप के इलाके के 300 लोग शामिल हैं, यह बांध ढहने के कगार पर है। शनिवार तड़के सात तीव्रता के भूकंप के कारण एक अस्पताल बुरी तरह लड़खड़ाने लगा और डॉक्टर एवं मरीज अंधेरे में ही अस्पताल से भागे।
पहाड़ी क्षेत्र कुमामाटो के दूरदराज के गांवों का संपर्क भूस्खलन एवं सड़कों के ध्वस्त हो जाने से पूरी तरह कट गया है तथा एक ही इलाके में 1000 लोगों के फंसे होने की आशंका है। यह भूकंप ऐसे समय में आया जब आपातकालीन बचावकर्मी पहले से ही बृहस्पतिवार की देर रात के भूकंप से प्रभावित क्षेत्र में पहुंचने में जुटे थे। बृहस्पतिवार को 6.2 तीव्रता का भूकंप आया था। चिंता तब और बढ़ गई जब समीप में एक ज्वालामुखी फट गया।
वैसे भूगर्भविज्ञानियों ने कहा है कि इसका इससे कोई संबंध नहीं है और यह सीमित गतिविधि है। वैसे यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां ऐसे जबर्दस्त भूकंप नहीं आते रहे हैं और ऐसे भूकंप जापान में भूगर्भीय हलचल की दृष्टि से संवेदनशील अन्य क्षेत्रों में आते रहे हैं। बृहस्पतिवार के प्रारंभिक भूकंप में पुराने भवन प्रभावित हुए थे और नौ व्यक्तियों की जान चली गई थी। लेकिन शनिवार के भूकंप से उटो शहर नगर निगम के कार्यालय समेत कई क्षेत्रों में नए भवन ढह गए। कुमामाटो क्षेत्रीय सरकार की प्रवक्ता युमिका कामी ने कहा, ‘मरने वालों की कुल संख्या 32 हो गई है।’ उन्होंने बताया कि करीब 1000 लोग जख्मी हुए हैं, जिनमें 184 की हालत गंभीर है।