संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में फिलिस्तीनी बहुल पूर्वी हिस्से में बस्तियां बसाने के खिलाफ प्रस्ताव पारित होने के बाद इजराइल ने कहा है कि वो इस इलाके में आवासीय इकाइयों का निर्माण जारी रखेगा। मंगलवार (27 दिसंबर) को मीडिया रिपोर्ट में एक शीर्ष अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि इजराइल 5600 नए घर बनाएगा और ये नए मकानों की पहली किस्त होगी। समाचार पत्र ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के मुताबिक इजराइल ने संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव पारित होने पर तल्ख टिप्पणी करते हुए संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों को भविष्य में ऐसी किसी कार्रवाई के खिलाफ चेतावनी दी है और कहा है कि वह “अपना दूसरा गाल नहीं बढ़ाएगा।”
23 दिसम्बर को 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद ने इजराइल को फिलीस्तानी क्षेत्रों में बस्तियां बसाने से रोकने संबंधी प्रस्ताव पारित किया था। प्रस्ताव 14-0 से पारित हो गया था। प्रस्ताव में पूर्वी येरुशलम सहित इजराइल के कब्जे वाले फिलस्तीनी क्षेत्रों में इजराइल को फौरन बस्तियों का निर्माण बंद करने की ताकीद की गई थी। इसके कुछ ही दिन बाद इजरायल सरकार ने इस बात के संकेत दे दिए कि वह पीछे नहीं हटेगी।
इजराइल के नेता इस प्रस्ताव से भड़के हुए हैं। उन्होंने सुरक्षा परिषद में इस प्रस्ताव को पारित होने देने और वीटो नहीं करने के लिए अमेरिका पर आरोप लगाया है। उन्होंने राष्ट्रपति बराक ओबामा की टीम को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। अमेरिकी अधिकारियों ने इजराइल के इस दावे को पूरी तरह से नकार दिया है, लेकिन जब तक डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति पद नहीं ग्रहण कर लेते तब तक दोनों देशों के बीच कड़वाहट बरकरार रहने की संभावना दिख रही है।
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू सुरक्षा परिषद सदस्यों से राजनयिक संपर्क घटाकर, सहायता में कटौती कर, राजनयिकों को वापस बुलाकर और अमेरिकी राजदूत को लताड़ लगाने के लिए उन्हें तलब कर अपनी भड़ास निकाल चुके हैं। उन्होंने यूक्रेन के प्रधानमंत्री का इजराइल का दौरा भी रद्द कर दिया है (प्रस्ताव के पक्ष में मत देने वालों में यूक्रेन शामिल था) और सोमवार को इस बात को लेकर चिंता जताई कि ओबामा अपना कार्यकाल खत्म होने से पहले इजराइल पर और कार्रवाई करने की योजना बना रहे हैं।
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र की खुलेआम आलोचना करते हुए कहा है कि यह अंतर्राष्ट्रीय संस्था ‘एक क्लब है जहां लोग मिलते हैं, बातें करते हैं और अच्छा समय बिताते हैं।’ ट्रंप ने ट्वीट कर कहा, “संयुक्त राष्ट्र के पास काफी संभावनाएं हैं, लेकिन फिलहाल यह लोगों के मेलजोल, बातचीत और समय व्यतीत करने के लिए केवल एक क्लब है। बेहद दुखद।”
समाचार एजेंसी की न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने ये टिप्पणियां फिलिस्तीनी जमीन पर इजरायली बस्तियों को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को पारित किए जाने के मद्देनजर की हैं। अमेरिका के वीटो न करने के कारण प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई। अमेरिका वीटो के अधिकार का प्रयोग करके इसे रोक सकता था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। ट्रंप ने अमेरिका को इजरायली बस्तियों पर सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को वीटो करने को कहा था।
प्रस्ताव के पक्ष में 14 वोट पड़े थे, जबकि अमेरिका ने इसमें हिस्सा नहीं लिया था। मतदान के एक दिन बाद ट्रंप ने इस फैसले को इजरायल के लिए एक बड़ी क्षति बताया था और कहा था कि इससे इजरायल और फिलिस्तीन के बीच शांति वार्ता और कठिन हो जाएगी। ट्रंप ने इजरायल के पक्ष में फिर से अपनी एकजुटता दोहराते हुए यहूदी राज्य में स्थित अमेरिकी दूतावास को तेल अवीव से जरूशलम स्थानांतरित करने का वादा किया है। बराक ओबामा प्रशासन इस कदम का लगातार विरोध करता रहा है।