इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध के बीच इजरायली सेना ने रविवार सुबह इजरायल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक में मीडिया संस्थान अल जज़ीरा के कार्यालयों पर छापा मारा और ब्यूरो को बंद करने का आदेश दिया। इजरायली सेना की यह रेड महीनों पहले इज़रायल के अंदर समाचार नेटवर्क के संचालन पर प्रतिबंध लगाने के बाद हुई है।

अल जज़ीरा की एक रिपोर्ट के अनुसार, रविवार तड़के भारी हथियारों से लैस और नकाबपोश इजरायली सैनिकों ने इमारत में प्रवेश किया और नेटवर्क के वेस्ट बैंक ब्यूरो प्रमुख वालिद अल-ओमारी को बंद करने का आदेश दिया। हालांकि, उन्होंने ऐसा करने का कोई कारण नहीं बताया।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया कि कतर स्थित चैनल ने इजरायली सैनिकों द्वारा चैनल के कार्यालय पर धावा बोलने और प्रसारण बाधित होने से पहले अल जज़ीरा टीवी कर्मचारियों में से एक को बंद करने का आदेश सौंपने का लाइव फुटेज प्रसारित किया। जब नेटवर्क ने टेलीविजन पर बातचीत का लाइव प्रसारण किया तो एक सैनिक को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “अल जजीरा को 45 दिनों के लिए बंद करने का अदालत का फैसला है।” सिपाही ने आगे कहा, “मैं आपसे सभी कैमरे लेने और इसी समय ऑफिस छोड़ने के लिए कहता हूं।”

फिलिस्तीनी पत्रकारों के सिंडिकेट ने की इजरायल के इस कदम की निंदा

रॉयटर्स के हवाले से एक बयान में, फिलिस्तीनी पत्रकारों के सिंडिकेट ने इजरायल के इस कदम की निंदा करते हुए कहा, “इस मनमाने सैन्य फैसले को पत्रकारिता और मीडिया कार्यों के खिलाफ एक नया उल्लंघन माना जाता है जो फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ केअपराधों को दिखाता है।”

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गाजा सरकार के मीडिया कार्यालय ने भी रविवार को इजरायली कदम को स्कैंडल कहा। इसमें कहा गया है, “हम दुनिया में मानवाधिकारों से जुड़े सभी मीडिया संगठनों और समूहों से इस जघन्य अपराध की निंदा करने का आह्वान करते हैं। यह प्रेस और मीडिया की स्वतंत्रता का खुला उल्लंघन है।”

इजरायल में अल जजीरा का प्रसारण बंद करने का फैसला

इससे पहले मई 2024 में सरकार द्वारा अल जज़ीरा टीवी स्टेशन के स्थानीय संचालन को बंद करने का निर्णय लेने के बाद, इज़रायली अधिकारियों ने अल जज़ीरा द्वारा अपने कार्यालय के रूप में इस्तेमाल किए गए यरूशलेम होटल के कमरे पर छापा मारा था। इजरायली अधिकारियों ने कहा था कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है।

अल जज़ीरा की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मीडिया अधिकार समूहों ने गाजा में चल रहे युद्ध के बीच पत्रकारों, विशेष रूप से फिलिस्तीनी पत्रकारों पर प्रतिबंधों और हमलों के लिए इजरायली सरकार की आलोचना की है।