इजरायल के हिजबुल्लाब पर घातक हमले जारी हैं, पिछले 24 घंटे में फिर भयंकर बमबारी की गई है, लेबनान के बेरूत को मिसाइलों के बीच में झोंक दिया गया है। 22 लोगों की मौत हुई है और दो इमारतें भी ध्वस्त हो चुकी हैं। लेकिन फिर भी इजरायल कका यह ऑपरेशन सफल नहीं माना जाएगा। पहली बार उसकी मिसाइल अपने मिशन को पूरा नहीं कर पाई।

इजरायल की मिसाइल कैसे चूक गई?

असल में रॉयटर्स की खबर के मुताबिक इजरायली सेना का टारगेट इस बार वफीक सफा था। हिजबुल्ला का एक बड़ा लीडर है, इसने इजरायल की नाक में दम कर रखा था। ऐसे में इस बार मिसाइलों के जरिए वफीक को मारने की तैयारी थी। लेकिन हिजबुल्लाह ने ही सामने से आकर बता दिया है कि वफीक सफा पूरी तरह सुरक्षित है, उसे कुछ नहीं हुआ है। इसे इजरायल के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि उसका दुश्मन बच गया।

भारत के पास भी इजरायल जैसा ‘सुरक्षा कवच’?

अभी के लिए इस पूरे युद्ध में अमेरिका की भूमिका भी विवादों में आ गई है। उसकी तरफ से इजरायल को कहा जरूर जा रहा है कि वो आम नागरिकों को मारने से बचे, उन्हें कोई नुकसान ना हो, लेकिन आत्मरक्षा के नाम पर उसके द्वारा की जा रही बमबारी का वो समर्थन भी कर रहा है। खबर तो ऐसी भी है कि अमेरिका से लगातार इजरायल को मदद मिल रही है।

भारत के पास भी इजरायल जैसा ‘सुरक्षा कवच’?

नेतन्याहू की मन में क्या चल रहा?

वैसे एक तरफ लेबनान में इजरायल की बमबारी जारी है, दुनिया की निगाहें ईरान पर हैं। ईरान के हमले के बाद इजरायल की तरफ से जवाबी कार्रवाई देखने को नहीं मिली है। ऐसे में सभी सोच रह रहे हैं कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के मन में क्या चल रहा है, आखिर उनका अगला कदम क्या होने वाला है। नेतन्याहू ने हमास को लेकर तो जरूर कहा है कि जब तक सारे गोल पूरे नहीं हो जाते, ऑपरेशन जारी रहेगा, ईरान को लेकर उनका रुख साफ नहीं है।