इज़रायली सेना ने सोमवार को हिजबुल्लाह को निशाना बनाने के लिए लेबनान में सीमित स्थानीय ज़मीनी आक्रमण शुरू किया। यह घुसपैठ लगभग 50 वर्षों में चौथी बार है जब इजरायली सैनिकों ने सार्वजनिक रूप से लेबनानी धरती में प्रवेश किया है। 2006 में देश में इज़रायल के 34-दिवसीय युद्ध के बाद यह पहला मौका है जब इजरायली सेना लेबनान में घुसी है।
वर्तमान हालातों के बीच आइये जानते हैं 2006 के इजरायल-लेबनान युद्ध के दौरान क्या हुआ था।
हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच 2006 के युद्ध की जड़ें 1982 से जुड़ी हैं जब यहूदी राज्य ने फिलिस्तीन मुक्ति संगठन (पीएलओ) को सैन्य और राजनीतिक रूप से कमजोर करने के लिए दक्षिणी लेबनान पर आक्रमण किया था। उस समय पीएलओ का लक्ष्य इजरायल के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष के माध्यम से फिलिस्तीन को आजाद कराना था, और इसके लड़ाकों ने कभी-कभी इजरायल पर हमले करने के लिए दक्षिणी लेबनान को आधार के रूप में इस्तेमाल किया।
हिजबुल्लाह का गठन
आक्रमण,जो 18 साल तक चले इजरायली कब्जे में बदल गया जिसके कारण हिजबुल्लाह का गठन हुआ। ईरान द्वारा समर्थित सशस्त्र समूह का लक्ष्य लेबनानी क्षेत्र से इजरायल को बाहर निकालना था। हिजबुल्लाह के युद्ध के कारण यहूदी राज्य को 2000 में वापस जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। उग्रवादी समूह ने इसे इजरायल के खिलाफ पहली अरब जीत करार दिया। हालांकि, यहूदी राज्य के खिलाफ हिजबुल्लाह का सशस्त्र संघर्ष जारी रहा।
LIVE: दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह के साथ झड़प में इजरायली कमांडर समेत 8 सैनिकों की मौत
हिजबुल्लाह के लड़ाकों का इजरायली गश्ती दल पर हमला
12 जुलाई, 2006 को हिजबुल्लाह के लड़ाकों ने सीमा पर एक इजरायली गश्ती दल पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें तीन सैनिक मारे गए और दो अन्य को पकड़ लिया गया। समूह ने इजरायली सैनिकों के बदले लेबनानी कैदियों की रिहाई की मांग की। तत्कालीन इजरायली प्रधानमंत्री एहुद ओलमर्ट ने अपहरण को युद्ध की कार्रवाई कहा और दूरगामी प्रतिक्रिया का वादा किया। उन्होंने बंदियों को रिहा करने और हिजबुल्लाह को दक्षिणी लेबनान से हमेशा के लिए हटाने की कसम भी खाई।
इजरायल का हिजबुल्लाह के खिलाफ जवाबी हमला
ऑगस्टस रिचर्ड नॉर्टन ने हिजबुल्लाह: ए शॉर्ट हिस्ट्री (2007) में लिखा, “13 जुलाई तक इजरायल ने हिजबुल्लाह के खिलाफ जवाबी हमला शुरू कर दिया और जल्द ही यह स्पष्ट हो गया कि हमला [हसन] नसरल्लाह [तत्कालीन हिजबुल्लाह प्रमुख] और कंपनी की अपेक्षा से कहीं ज़्यादा था। एक दिन के भीतर लेबनान को समुद्र से घेर दिया गया और बेरूत हवाई अड्डे पर हमला किया गया, जिससे वह बंद हो गया। 14 जुलाई को नसरल्लाह के कार्यालयों पर बमबारी के तुरंत बाद, हिजबुल्लाह ने नसरल्लाह का एक रिकॉर्डेड बयान जारी किया जो सुलह से कोसों दूर था। उसने कहा, “आप एक खुली लड़ाई चाहते थे और हम एक खुली लड़ाई की ओर बढ़ रहे हैं। हम इसके लिए तैयार हैं।”
उग्रवादी समूह ने इजरायल पर मिसाइलें दागकर जवाब दिया। 16 जुलाई को, हाइफ़ा ट्रेन डिपो पर सीधे रॉकेट हमले में इजरायल रेलवे के आठ कर्मचारी मारे गए। कई उत्तरी इजरायली शहरों पर भी हमला हुआ। एसोसिएटेड प्रेस की 2011 की एक रिपोर्ट के अनुसार, एवल 34 दिनों तक चले युद्ध के दौरान इजरायल में कुल 6,000 घर क्षतिग्रस्त हुए थे।
इजरायल में नौकरी पाने का शानदार मौका, वेतन 1.37 लाख रुपए, बस करना होगा ये काम
युद्ध में हुई तबाही
एसोसिएटेड प्रेस की 2011 की रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायली हवाई हमलों ने लेबनान में 15,000 से ज़्यादा घर, 640 किलोमीटर सड़कें, 900 बिल्डिंग और 350 स्कूल नष्ट कर दिए। ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट के अनुसार, “इजरायली युद्धक विमानों ने लेबनान में लगभग 7,000 बम और मिसाइल हमले किए।” इज़रायल ने 119 सैनिक और 43 नागरिक खो दिए जबकि 250 से 500 हिज़्बुल्लाह लड़ाके मारे गए। लेबनानी नागरिक सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए, जहाँ 1,000 से ज़्यादा लोग मारे गए।
अगस्त 2006 को लागू किया गया युद्ध विराम
युद्ध विराम 14 अगस्त 2006 को लागू किया गया, अर्थात संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा शत्रुता समाप्त करने के लिए सुरक्षा परिषद प्रस्ताव 1701 को सर्वसम्मति से अनुमोदित किये जाने के तीन दिन बाद।
इजरायल दक्षिणी लेबनान से हिजबुल्लाह को खत्म करने के अपने लक्ष्य को पूरा करने में विफल रहा। देश की खुफिया एजेंसियों की इस आतंकवादी समूह की सैन्य क्षमताओं को कम आंकने के लिए आलोचना की गई। इजरायल सरकार द्वारा नियुक्त विनोग्राद आयोग ने पाया कि सरकार ने तनाव कम करने के विकल्पों पर विचार नहीं किया और सैन्य हमले के लिए उसके कुछ लक्ष्य अस्पष्ट थे।
द गार्जियन की एक रिपोर्ट के अनुसार, आयोग की रिपोर्ट में “अभियान की विफलताओं के लिए प्राथमिक जिम्मेदारी प्रधानमंत्री, तत्कालीन रक्षा मंत्री और तत्कालीन (निवर्तमान) चीफ ऑफ स्टाफ पर डाली गई।” हालांकि हिजबुल्लाह को कुछ बड़े नुकसान हुए लेकिन इजरायली हमले से बचने के लिए इसकी सराहना की गई। समूह के शीर्ष नेता नसरल्लाह ने घोषणा की कि हिजबुल्लाह ने दिव्य, ऐतिहासिक और रणनीतिक जीत हासिल की है।
(इनपुट- इंडियन एक्सप्रेस)