Israel-Iran War: ईरान-इजरायल युद्ध के बीच के भारत में ईरान के राजदूत इराज इलाही ने कहा कि उनके देश का इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला सिर्फ बदला था। उन्होंने कहा कि इजरायल ने तेहरान में हमास के नेता की हत्या की थी, जिससे ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन हुआ। इसलिए ईरान के पास अपनी रक्षा करने और इस्राइल को ऐसे अपराधों को दोहराने से रोकने के लिए इसके अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।

न्यूज एजेंसी ANI को दिए एक इंटरव्यू में इलाही ने कहा कि गाजा में नरसंहार चल रहा है और पश्चिमी देश चुप हैं और इस क्षेत्र में इज़राइल के अपराधों को रोकने के लिए कोई कोशिश नहीं कर रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि इज़रायल पर ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल हमले के पीछे क्या कारण था? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सिर्फ़ एक चीज़ जवाबी कार्रवाई। इज़राइल ने ईरान की राजधानी तेहरान के अंदर हमास के नेता की हत्या कर दी है। इसने ईरानी संप्रभुता का उल्लंघन किया है। इसलिए, हमारे पास इज़रायल का बचाव करने और उसे इस तरह के अपराध को दोहराने से रोकने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।

Israel-Iran War: ‘ईरान के परमाणु ठिकाने तबाह कर दे इजरायल’, डोनाल्ड ट्रंप ने नेतन्याहू को दी सलाह

उनसे जब ईरान के विदेश मंत्री के लेबनान दौरे के मकसद के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “इस दौरे का मुख्य उद्देश्य लेबनानी लोगों के साथ एकजुटता दिखाना और लेबनान की संप्रभुता का समर्थन करना है। हिजबुल्ला हमारा सहयोगी और हमारे उनके साथ करीबी संबंध हैं। लेकिन हमारा रणनीतिक समर्थन लेबनान की संप्रभुता के लिए है। हम क्षेत्र में किसी तरह के भौगोलिक बदलाव के खिलाफ हैं। हम हिजबुल्ला का इसलिए समर्थन कर रहे हैं, ताकि इस्राइल और अधिक हिस्सों पर कब्जा न कर सके।’

ईरान के राजदूत इराज इलाही ने आगे कहा, “हम हमास का इसलिए समर्थन कर रहे हैं, ताकि गाजा पर कब्जा न हो सके और फिलिस्तीन के घरों और बुनियादी ढांचे को नष्ट न किया जाए हमारी मुख्य रणनीति और सिद्धांत यह है कि हम क्षेत्र में किसी भी बदलाव के खिलाफ हैं। लेकिन इस्राइल ने क्षेत्र की स्थिति को बदलने की कोशिश की है। जैसे कि नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में दो नक्शे दिखाए। उन्होंने क्षेत्र लिए एक नया नक्शा तैयार किया है। वे क्षेत्र के लिए नया नक्शा खींच रहे हैं। हम क्षेत्र में किसी भी बदलाव के खिलाफ हैं।” ईरान ने 1 अक्टूबर को इजरायल में स्थित ठिकानों पर करीब 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं थीं।

यह पूछे जाने पर कि क्या ईरान आगे भी जवाबी कार्रवाई जारी रखेगा? उन्होंने कहा, “हमें दो बिंदुओं को अलग करना चाहिए। सबसे पहले, हमारी जवाबी कार्रवाई सिर्फ इसलिए थी क्योंकि इजरायल ने हमारी संप्रभुता का उल्लंघन किया था। हमने लेबनान और हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच तनाव में हस्तक्षेप नहीं किया। लेबनानी खुद का बचाव करने में सक्षम हैं, क्योंकि गाजा आक्रमण करने या खुद का बचाव करने में सक्षम था और वे प्रतिरोध कर रहे हैं और इजरायल अब नरसंहार के बावजूद उनके पूरे गाजा को नष्ट नहीं कर सकता। भुखमरी, पानी और स्वास्थ्य देखभाल की कमी के बावजूद, वे अभी भी प्रतिरोध कर रहे हैं।

Israel-Iran War: हमलों के बीच भी क्यों इजरायल जा रहे हैं भारतीय वर्कर्स? सितंबर में ही पहुंचे 1000

पश्चिम एशिया के हालात के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि ईरान और इजरायल के बीच तनाव को लेकर मौजूदा स्थिति कुछ और है और पूरे क्षेत्र की स्थिति कुछ और है। जैसा कि आप जानते हैं, दुर्भाग्य से गाजा में नरसंहार जारी है और पश्चिमी देश – संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, इंग्लैंड, अन्य बड़े देश और प्रभावशाली देश चुप हैं और वे इस क्षेत्र में इजरायल के अपराधों को रोकने की कोशिश भी नहीं करते हैं। और दुर्भाग्य से क्षेत्र के देश भी अपनी चिंता के बावजूद इसे रोकने की कोशिश नहीं करते हैं या वे नरसंहार को रोकने के लिए कोई पहल नहीं करते हैं।”

बता दें, ईरान के मिसाइल हमलों के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था कि ईरान ने बहुत बड़ी गलती की है और उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। 2 अक्टूबर को सुरक्षा कैबिनेट की बैठक की शुरुआत में नेतन्याहू ने कहा कि जो भी उन पर हमला करेगा, वे उस पर पलटवार करेंगे। नेतन्याहू ने एक पोस्ट में पुष्टि की कि इजरायल इस हमले की कीमत वसूलेगा। उन्होंने कहा, “आज शाम ईरान ने एक बड़ी गलती की है – और उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। तेहरान में शासन हमारी खुद की रक्षा करने और अपने दुश्मनों से कीमत वसूलने के दृढ़ संकल्प को नहीं समझता है। सिनवार और डेफ ने भी इसे नहीं समझा; न ही जाहिर है, तेहरान में ऐसे लोग हैं जो इसे नहीं समझते हैं। हम अपने निर्धारित नियम पर कायम रहेंगे।