ईरान और इजरायल के बीच जंग का आज सातवां दिन है। जंग के बीच ईरान और इजरायल में मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। खराब हो रहे हालात के बीच ईरान से अर्मेनिया भेजे गए 110 छात्रों को लेकर पहली उड़ान गुरुवार तड़के दिल्ली पहुंची। इजरायल में स्थित चीनी दूतावास ने अपने नागरिकों को वहां से निकालने पर काम शुरू कर दिया है।
क्यों शुरू हुआ ईरान-इजरायल युद्ध?
इजरायल को ऐसी जानकारी मिली थी कि ईरान परमाणु संपन्न देश बनने के काफी करीब पहुंच चुका है, एक अमेरिकी रिपोर्ट ने भी इस बात की तस्दीक कर दी थी। ऐसे में इजरायल ने अपनी रक्षा के लिए ईरान पर बड़े हमले किए।
ईरान की क्या रणनीति है?
ईरान की हवाई ताकत ज्यादा नहीं है, उसके पास लेटेस्ट जेनरेशन वाले फाइटर जेट भी नहीं है। इस वजह से ईरान अपनी मिसाइलों पर ज्यादा निर्भर है, उसके पास लॉन्ग रेंज वाली कई बैलिस्टिक मिसाइल मौजूद हैं।
अमेरिका का क्या रोल है?
CBS न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर हमले की योजना को मंजूरी दे दी है लेकिन अभी तक इसे लेकर अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। ट्रंप ने कहा कि वह ईरान पर हमला नहीं करना चाहते हैं, लेकिन अगर ईरान के परमाणु कार्यक्रम को खत्म करने के लिए ऐसा करना जरूरी हुआ तो वह कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं।
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इजरायल और ईरान के बीच लगातार टकराव जारी है। दोनों देशों के बीच संघर्ष की पल-पल अपडेट्स की जानकारी के लिए जुड़े रहिये जनसत्ता डॉट कॉम के साथ…
रॉयटर्स ने ईरान के स्थानीय मीडिया आउटलेट्स के हवाले से बताया है कि तेहरान पर हमले जारी रखते हुए इजरायल ने इमाम हुसैन विश्वविद्यालय पर हमला किया, यह पूर्वी तेहरान में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स से जुड़ा हुआ है।
ईरान के स्थानीय मीडिया के अनुसार, ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने इजरायल की राजधानी तेल अवीव के आसपास के इलाकों को खाली करने का आदेश जारी किया है।
ईरान के सरकारी मीडिया ने कहा है कि इजरायल ने ईरान की राजधानी तेहरान में खोजिर मिसाइल प्रोडक्शन फैसेलिटी को निशाना बनाया है। यह प्रोडक्शन फैसेलिटी ईरान के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां बैलिस्टिक मिसाइल से संबंधित बुनियादी ढांचा है। यहां पर अक्टूबर, 2024 में भी इजरायल ने हमला किया था।
मेहर न्यूज एजेंसी के मुताबिक, ईरान ने बुधवार तड़के इजरायल पर फत्ताह मिसाइलें दागी हैं। फत्ताह मिसाइल एक हाइपरसोनिक मिसाइल है जो ध्वनि की गति से पांच गुना अधिक रफ्तार से चलती है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा बिना शर्त आत्मसमर्पण किए जाने की चेतावनी के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इजरायल को चेतावनी देते हुए कहा है कि हम यहूदी शासन को जोरदार जवाब देंगे और उन पर कोई दया नहीं दिखाएंगे।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा है कि उन्हें यह जानकारी है कि ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई कहां छिपे हुए हैं। उन्होंने कहा कि वे आसान टारगेट हैं लेकिन वहां सेफ हैं। ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका उन्हें मारने नहीं जा रहा है, कम से कम अभी तो नहीं।
ट्रंप ने यह भी कहा कि हम नहीं चाहते कि मिसाइलें आम नागरिकों या अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाकर चलाई जाएं। हमारा संयम कम होता जा रहा है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा – अब ईरान के आसमान पर हमारा पूरा नियंत्रण है।
US President Donald Trump posts on Truth Social: We now have complete and total control of the skies over Iran. Iran had good sky trackers and other defensive equipment, and plenty of it, but it doesn’t compare to American-made, conceived, and manufactured “stuff.” Nobody does… pic.twitter.com/rxIgIZMkms
— ANI (@ANI) June 17, 2025
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि अमेरिकी सेना मिडिल ईस्ट में अतिरिक्त लड़ाकू विमान भेज रही है और अन्य विमानों की तैनाती बढ़ा रही है, जिससे इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष के बढ़ने के साथ ही उसकी मौजूदगी बढ़ रही है। एक अधिकारी ने पुष्टि की कि उनकी तैनाती में F-16, F-22 और F-35 शामिल हैं। दो अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि यह कदम रक्षात्मक है, क्योंकि विमान का इस्तेमाल मुख्य रूप से ड्रोन और आने वाले प्रोजेक्टाइल को रोकने के लिए किया जा रहा है।
जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ ने मंगलवार को कहा कि यदि तेहरान पीछे नहीं हटता है और वार्ता की मेज पर वापस नहीं आता है तो ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम का पूर्ण विनाश एजेंडे में शामिल हो सकता है।कनाडा में ग्रुप ऑफ सेवन (जी7) शिखर सम्मेलन के दौरान ब्रॉडकास्टर जेडडीएफ को दिए गए साक्षात्कार में मेर्ज़ ने कहा, “इज़राइली सेना स्पष्ट रूप से ऐसा करने में असमर्थ है। उसके पास आवश्यक हथियारों की कमी है। लेकिन अमेरिकियों के पास वे हैं।” – रॉयटर्स
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार को कहा कि ईरान-इजरायल संघर्ष को लेकर मध्य पूर्व में तनाव के “अचानक बढ़ने” से चीन “बेहद चिंतित” है। शुक्रवार को संघर्ष शुरू होने के बाद से इस पर अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में शी ने अन्य देशों की “संप्रभुता, सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करने वाले किसी भी कृत्य” के प्रति चीन के विरोध की पुष्टि की। कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में उज्बेक राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव के साथ संयुक्त उपस्थिति के दौरान उन्होंने कहा, “सैन्य संघर्ष कोई समाधान नहीं है और बढ़ते क्षेत्रीय तनाव अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साझा हितों की पूर्ति नहीं करते हैं।”
ट्रम्प ने कहा कि वह इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष का स्थायी समाधान चाहते हैं – न कि केवल लड़ाई में अस्थायी रोक। जी7 शिखर सम्मेलन से लौटने के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “मैं युद्ध विराम की उम्मीद नहीं कर रहा हूं। हम युद्ध विराम से बेहतर की उम्मीद कर रहे हैं।”
एक वरिष्ठ इज़रायली सैन्य अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि इज़रायल ने रातों-रात ईरान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों से जुड़े दर्जनों स्थलों पर हमला किया और ईरान के सैन्य नेतृत्व को “भागने पर मजबूर कर दिया”।
नाम न बताने की शर्त पर रॉयटर्स से बात करते हुए अधिकारी ने पुष्टि की कि हालांकि इजरायल ने अभी तक ईरान की भूमिगत फोर्डो परमाणु सुविधा को निशाना नहीं बनाया है, लेकिन यह एक संभावना बनी हुई है। उन्होंने कहा कि परमाणु आपदा को रोकने के लिए सावधानी बरती जा रही है।
अधिकारी के अनुसार, ईरान ने अब तक इजरायल पर लगभग 400 बैलिस्टिक मिसाइलें और सैकड़ों ड्रोन दागे हैं, जिनका लक्ष्य नागरिक और सैन्य दोनों तरह के लक्ष्य हैं। उन्होंने कहा कि मिसाइल प्रक्षेपणों में रातोंरात आई तीव्र गिरावट से संकेत मिलता है कि इजरायल ने ईरान की हमला करने की क्षमताओं को सफलतापूर्वक बाधित कर दिया है।
ईरान के सैन्य और परमाणु ढांचे पर अचानक हमला करने के पाँच दिन बाद, ऐसा लग रहा है कि इज़राइल तेहरान के खिलाफ़ हवाई हमले तेज़ कर रहा है। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक सख्त चेतावनी जारी करते हुए ईरानी राजधानी के निवासियों से शहर खाली करने का आग्रह किया, जिससे संघर्ष में संभावित वृद्धि का संकेत मिलता है।
बाकू में एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि इजरायल द्वारा ईरान पर हमला शुरू करने के बाद से 600 से अधिक विदेशी नागरिक ईरान से पड़ोसी देश अजरबैजान में प्रवेश कर चुके हैं। एएफपी ने सरकारी अधिकारी के हवाले से बताया, “इजराइल और ईरान के बीच सैन्य तनाव बढ़ने के बाद से, 17 देशों के 600 से अधिक नागरिकों को अजरबैजान के रास्ते ईरान से निकाला गया है।”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने सोशल प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में घोषणा की कि उन्होंने ईरान से युद्ध विराम वार्ता के लिए “किसी भी तरह का संपर्क नहीं किया। ट्रम्प ने आगे कहा कि ईरान को उस समझौते पर हस्ताक्षर करना चाहिए था जिसे उन्होंने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर हाल ही में हुई वार्ता के दौरान सामने रखा था। उन्होंने लिखा, “यह और भी ज़्यादा मनगढ़ंत, झूठी ख़बर है! अगर वे बात करना चाहते हैं, तो उन्हें पता है कि मुझ तक कैसे पहुंचना है। उन्हें जो सौदा तय था, उसे स्वीकार कर लेना चाहिए था – इससे बहुत सी जानें बच जातीं!!!”
नई दिल्ली स्थित इस्लामी गणतंत्र ईरान के दूतावास ने मंगलवार को खुलासा किया कि ईरान पर इजरायल के सैन्य हमलों में अब तक महिलाओं और बच्चों सहित लगभग 224 नागरिक मारे गए हैं, तथा 1,257 अन्य घायल हुए हैं।
दूतावास ने इजरायल के हमलों को “आक्रामकता के स्पष्ट कृत्य” के रूप में संदर्भित करते हुए लिखा: “13 जून 2025 को, कब्ज़ा करने वाले और दुष्ट ज़ायोनी शासन ने रिहायशी इलाकों सहित कई स्थानों पर सैन्य हमले करके, निर्दोष महिलाओं और बच्चों को मारकर ईरान की क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय संप्रभुता का घोर उल्लंघन किया। इन क्रूर सैन्य हमलों के परिणामस्वरूप, जो सभी अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों और नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है, महिलाओं और बच्चों सहित 224 नागरिक मारे गए हैं और अब तक 1257 अन्य घायल हो गए हैं।”
विज्ञप्ति में कहा गया है, “ईरान पर ज़ायोनी शासन के गैरकानूनी सैन्य हमले, संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 2(4) का घोर उल्लंघन हैं और इस्लामी गणतंत्र ईरान के खिलाफ़ आक्रामकता के ज़बरदस्त कृत्य हैं। संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 के अनुसार, ईरान इन आक्रामकताओं का उचित और समय पर जवाब देने के अपने वैध और कानूनी अधिकारों को सुरक्षित रखता है।”
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मंगलवार को एक साइबर हमले ने ईरान के एक प्रमुख सरकारी वित्तीय संस्थान, सेपाह बैंक के संचालन को बाधित कर दिया। फ़ार्स समाचार एजेंसी ने कहा कि हमले ने बैंक के डिजिटल बुनियादी ढांचे को प्रभावित किया, जिससे इसकी ऑनलाइन सेवाओं में रुकावट आई। अधिकारियों को उम्मीद है कि समस्या कुछ ही घंटों में हल हो जाएगी।
मंगलवार को भी इजरायली हमले जारी रहने के कारण अधिकारियों ने डॉक्टरों और नर्सों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। तेहरान में इजरायल को “कड़ी” प्रतिक्रिया देने का आह्वान करने वाले प्लेकार्ड और बोर्ड देखे गए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन से जब ईरान-इजराइल संघर्ष पर ट्रम्प की टिप्पणी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आग को हवा देना, तेल डालना, धमकियां देना और दबाव बढ़ाना स्थिति को कम करने में मदद नहीं करेगा, बल्कि इससे संघर्ष और अधिक तीव्र और व्यापक हो जाएगा।
स्पेन के विदेश मंत्री जोस मैनुअल अल्बेरेस बीनो ने यूरोपीय संघ से ईरान के साथ चल रहे संघर्ष के बीच इजराइल पर हथियार प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है।
फएआरएस न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के साइबर सुरक्षा कमांड ने अधिकारियों और उनके सुरक्षा जानकारी के लिए सभी कनेक्टेड उपकरणों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मध्य पूर्व क्षेत्र में इजरायल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष को “वास्तविक अंत” तक पहुंचाने की इच्छा जताते हुए कहा कि वह “ईरान के साथ बातचीत करने के मूड में नहीं हैं”।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि वह इजरायल के साथ चल रहे तनाव के बीच ईरान में “युद्धविराम से बेहतर” स्थिति की उम्मीद कर रहे हैं।
मंगलवार को इजरायली रक्षा बलों ने पुष्टि की कि ईरान के युद्धकालीन चीफ ऑफ स्टाफ अली शादमानी तेहरान में इजरायली हवाई हमले में मारे गए हैं।
चीन ने मंगलवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते संघर्ष पर भड़काने का आरोप लगाया। वहीं, अमेरिकी नेता ने तेहरान के लोगों को तुरंत खाली करने की चेतावनी दी।
इजरायल-ईरान संघर्ष के मद्देनजर विकसित हो रहे हालात के बीच, ईरान स्थित भारतीय दूतावास ने उन सभी भारतीय नागरिकों से कहा है जो तेहरान में हैं और दूतावास के संपर्क में नहीं हैं, कि वे तुरंत तेहरान स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क करें और अपना स्थान तथा संपर्क नंबर उपलब्ध कराएं।
इजरायल और ईरान के संघर्ष के कारण एयर स्पेस बंद होने की वजह से हवाई यात्रा अस्त-व्यस्त हो गई है। ईरान का आसमान पूरी तरह से बंद है, जबकि इजरायल ने बेन गुरियन एयरपोर्ट को अगली सूचना तक बंद कर दिया है।
टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को तड़के ईरानी मिसाइल हमलों के कारण मध्य इजरायल और हाइफा में बहुत नुकसान हुआ। इसकी वजह से 2,000 लोगों को सुरक्षित जगहों की तरफ भागना पड़ा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने इजरायल और ईरान के बीच युद्ध विराम पर काम करने के लिए आर्थिक शक्तियों के जी 7 शिखर सम्मेलन को नहीं छोड़ा। जब यह मान लिया गया कि उन्होंने युद्ध विराम के लिए शिखर सम्मेलन छोड़ा है, तो ट्रंप ने इस गलतफहमी के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो को दोषी ठहराया।
कनाडा के जी7 शिखर सम्मेलन से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चेतावनी जारी की: “सभी को तुरंत तेहरान खाली कर देना चाहिए!”
