ईरान और इजरायल के बीच जंग का आज नौवां दिन है। लगातार खराब हो रहे माहौल के बीच ईरान ने भारत के लिए एयरस्पेस खोल दिया है और ऑपरेशन सिंधु के तहत वहां फंसे स्टूडेंट्स को वापस लाया जा रहा है। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में इजरायली हमलों की निंदा की है। दूसरी ओर, ईरान और इजराइल लगातार एक-दूसरे पर हमला बोल रहे हैं।
इजरायल क्या चाहता है?
अहम सवाल यह है कि आखिर इजरायल चाहता क्या है? इजरायल का कहना है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम उसके अस्तित्व के लिए खतरा है। 13 जून को जब उसने ईरान पर हमला किया तो उसका कहना था कि यह इस्लामिक मुल्क परमाणु हथियार बनाने से बस एक कदम दूर है। इजरायल का साफ कहना है कि वह ईरान को ऐसे परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देगा जो न सिर्फ उसके लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा हों।
ईरान और इजरायल की इस जंग में अगर अमेरिका भी शामिल हो जाता है तो निश्चित रूप से मिडिल ईस्ट में हालात और ज्यादा खराब हो सकते हैं।
इजरायल के खिलाफ एकजुट होंगे मुस्लिम देश?
भारत के साथ ही दुनिया भर में यह चर्चा भी है कि क्या इजरायल के खिलाफ मुस्लिम देश ईरान का साथ देंगे और एकजुटता दिखाएंगे। इसमें एक सबसे बड़ी रुकावट सऊदी अरब और ईरान की आपसी लड़ाई है।
सरेंडर करेंगे खामेनेई?
इस जंग में इजरायल का साथ दे रहा अमेरिका कह चुका है कि ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई को बिना शर्त सरेंडर करना होगा लेकिन खामेनेई ने साफ किया है कि वह अमेरिका के दखल को बर्दाश्त नहीं करेंगे। खामेनेई ने कहा है कि ईरान सरेंडर नहीं करेगा।
ईरान की क्या रणनीति है?
ईरान की हवाई ताकत ज्यादा नहीं है, उसके पास लेटेस्ट जेनरेशन वाले फाइटर जेट भी नहीं है। इस वजह से ईरान अपनी मिसाइलों पर ज्यादा निर्भर है, उसके पास लॉन्ग रेंज वाली कई बैलिस्टिक मिसाइल मौजूद हैं।
क्या करने जा रहे हैं डोनाल्ड ट्रंप?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि वह ईरान पर हमला नहीं करना चाहते हैं लेकिन अगर ईरान के परमाणु कार्यक्रम को खत्म करने के लिए ऐसा करना जरूरी हुआ तो वह कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं। लेकिन अब व्हाइट हाउस ने कहा है कि अगले दो हफ्ते में राष्ट्रपति ट्रंप इस बारे में फैसला लेंगे।
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ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने जिनेवा में होने वाली बैठक से पहले कहा है कि इजरायली हमले जारी रहने तक वह किसी के साथ भी बातचीत के लिए तैयार नहीं हैं। अराघची फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक के लिए जिनेवा, स्विट्जरलैंड पहुंचे हैं।
ऑस्ट्रेलिया, स्लोवाकिया और चेक गणराज्य के विदेश मंत्रालयों ने कहा है कि बिगड़ते सुरक्षा माहौल के कारण वे तेहरान में अपने दूतावासों में कामकाज स्थगित कर रहे हैं। आस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग ने कहा कि सरकार ने तेहरान दूतावास से सभी आस्ट्रेलियाई अधिकारियों को वापस जाने का निर्देश दिया है जबकि राजदूत यहीं रहेंगे। स्लोवाकिया और चेक गणराज्य ने भी तेहरान में अपने दूतावासों को अस्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की है तथा बुल्गारिया, न्यूजीलैंड और पुर्तगाल ने भी अपने दूतावासों का कामकाज सस्पेंड कर दिया है।
ईरान के सरकारी मीडिया ने सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई के करीबी सलाहकार अली शमखानी की हेल्थ को लेकर अपडेट दिया है। शमखानी एक सप्ताह पहले इजरायली हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। शमखानी ने कहा, “मैं जीवित हूं और अपना बलिदान देने के लिए तैयार हूं।”
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने चेतावनी दी है कि ईरान में अमेरिका द्वारा परमाणु हथियार का प्रयोग विनाशकारी साबित होगा। रूसी सरकारी मीडिया के अनुसार, पेस्कोव ने मीडिया में आई अटकलों को लेकर यह बयान दिया। व्हाइट हाउस ने कहा है कि ट्रंप अगले दो सप्ताह के भीतर इस पर फैसला लेंगे।
हिज्बुल्लाह के नेता शेख नईम कासिम ने इजरायल और अमेरिका के खिलाफ लड़ाई में ईरान को हर तरह से समर्थन देने का वादा किया है। जेरूसलम पोस्ट के मुताबिक कासिम ने कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है और इसका मकसद अपने लोगों की हिफाजत करना है।
ईरान से भारतीयों को निकालने के बाद केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंधु के तहत ऐसे लोग जो इजरायल छोड़ना चाहते हैं, उन्हें निकालने का फैसला किया है।
तेलंगाना के रंगा रेड्डी जिले के गाचीबोवली में वामपंथी दलों ने इजरायल के हालिया हवाई हमलों की निंदा करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने तत्काल कार्रवाई रोकने का आह्वान किया है।
इजरायल की सेना ने बताया है कि ईरान की ओर से मिसाइलें दागे जाने के बाद देश में कई जगहों पर सायरन बज रहे हैं।
इजरायल की सेना ने दावा किया है कि उसने रात भर ईरान की राजधानी तेहरान पर हमले किए। इस ऑपरेशन में 60 से अधिक लड़ाकू विमान शामिल हुए।
यहूदी वॉयस फॉर पीस (JVP) ने ईरान पर इजरायल के हमलों को “तत्काल रोकने” का आह्वान किया है। JVP ने कहा, “ईरान के साथ बढ़ते तनाव के बीच, इजरायल सरकार अमेरिका की फंडिंग और समर्थन से फिलिस्तीनियों का क्रूर नरसंहार जारी रखे हुए है।”
रॉयटर्स के अनुसार, इजरायल की सेना ने बताया है कि ईरान की ओर से एक बार फिर मिसाइलें दागी गई हैं।
इजरायली सेना ने ईरान पर क्लस्टर हथियारों से लैस मिसाइल दागने का आरोप लगाया। जो दोनों देशों के बीच चल रहे संघर्ष में इस तरह के हथियारों के इस्तेमाल की यह पहली रिपोर्ट है।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि इजरायल ईरान के खिलाफ अपने सैन्य अभियान में तय समय से आगे है।
ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (आईआरजीसी) के कमांडर मेजर जनरल मोहम्मद पाकपुर ने ब्रिगेडियर जनरल माजिद खादामी को अपने खुफिया विभाग का नया प्रमुख नियुक्त किया है।
ईरान के तेहरान में एक साथ कई धमाके हुए हैं। इस वजह से वहां पर सायरन बज रहे हैं, लोगों के बीच में भी पैनिक फैल चुका है। इजरायल लगातार ईरान के कई ठिकानों को निशाने पर ले रहा है।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दो टूक कहा है कि ईरान में सत्ता परिवर्तन कैसे होना चाहिए, यह वहां के लोगों के लिए सबसे बड़ा सवाल है। यह भी साफ कर दिया गया है कि इजरायली हमलों की वजह से सत्ता परिवर्तन हो सकता है, लेकिन यह सबसे बड़ा उदेश्य नहीं है।
बताया जा रहा है कि इजरायल के अस्पताल पर जो हमला हुआ है, उसमें 71 लोग घायल हुए हैं, कई वॉर्ड भी पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं।
WHO चीफ ने अस्पताल पर हुए हमलों की कड़े शब्दों में निंदा की है, जोर देकर कहा गया है कि दवाई ही सबसे बड़ी शांति का प्रतीक है।
पश्चिमी ईरान में इजरायल ने एयरस्ट्राइक की है। मिलिट्री ठिकानों को निशाने पर लिया गया है। जब से इजरायल के अस्पताल पर हमला हुआ है, ईरान पर जवाबी कार्रवाई तेज हो गई है।
ईरान ने इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइल दागी है, बताया जा रहा है कि उत्तरी इलाके में यह मिसाइल गिरी है। इस समय उत्तरी इजरायल में लगातार सायरन बज रहे हैं।
राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि इजरायल को जल्द ही बातचीत की टेबल पर आना चाहिए और ईरान के साथ सीजफायर करना चाहिए। जंग कोई विकल्प नहीं होता है।
ईरान के सुप्रीम लीडर ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि अगर दुश्मन को ऐसा लगे कि हम डर गए हैं, वो फिर हमे छोड़ेंगे नहीं। जिस मजबूती के साथ आप अभी खड़े हुए हैं, वैसे ही खड़े रहें।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बड़ा दावा किया है, उनका कहना है कि उनकी राष्ट्रपति ट्रंप से करीब-करीब रोज बात होती है।
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तय्यप एर्दोगान ने गाजा में इजरायल की आक्रामकता और ईरान पर जारी हमलों की निंदा की है और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की तुलना एडोल्फ हिटलर से की है। क्रेमलिन ने पुष्टि की है कि दोनों नेताओं ने अपनी-अपनी एजेंसियों को स्थिति से संबंधित जानकारी का आदान-प्रदान करने का निर्देश दिया है।
आरटी डॉट कॉम के अनुसार, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तय्यप एर्दोगान ने गाजा में इजरायल की आक्रामकता और ईरान पर जारी हमलों की निंदा की है और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की तुलना एडोल्फ हिटलर से की है।
इजरायल के Soroka Medical Centre के डायरेक्टर जनरल का दावा है कि ईरान की दागी हुई मिसाइल की वजह से अस्पताल के कई वॉर्ड पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं।
अस्पताल पर हुए हमलों पर ईरान ने भी सफाई पेश की है। उसका कहना है कि वो इजरायल में किसी अस्पताल को निशाने पर नहीं ले रही है बल्कि उसका निशाना तो अस्पताल के पास में मौजूद मिलिट्री बेस हैं।
ईरान के हमले में इजरायल के एक अस्पताल को भारी नुकसान पहुंचा है। अस्पताल पर हुए हमले से इजरायल की सरकार, वहां की सेना नाराज है और अब सीधे ईरान के सुप्रीम लीडर को धमकी दी गई है।
न्यू ईरान मूवमेंट के एक बड़े नेता का दावा है कि इस समय ईरान छोड़ कई बड़ी हस्तियां दूसरे देश जा चुकी हैं। खुद खामेनेई भी देश छोड़ने का मौका तलाश रहे हैं।
ईरान-इजरायल युद्ध को लेकर राष्ट्रपति पुतिन और शी जिनपिंग के बीच अहम बातचीत हुई है। दोनों ही नेताओं ने इजरायल के हमलों की कड़े शब्दों में निंदा की है।
