अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) ने अमेरिका की सेना की तरफ से पिछले महीने हुए युद्धविराम समझौते के तहत लेबनान से इजरायली सैनिकों की पहली वापसी की पुष्टि की है। इज़रायली रक्षा बलों (IDF) ने गुरुवार को पुष्टि की कि उन्होंने हिजबुल्लाह के साथ सीजफ़ायर डील के अनुसार दक्षिणी लेबनान के खियाम शहर से अपनी सेना वापस बुला ली है।
हालांकि, इज़रायली सेना ने कहा कि वह अभी भी दक्षिणी लेबनान के अन्य हिस्सों में मौजूद है और इज़रायल व उसके नागरिकों के लिए उत्पन्न किसी भी खतरे के विरुद्ध कार्रवाई करेगी।
एक्स पर एक पोस्ट में, सेंटकॉम ने कहा कि सेंटकॉम कमांडर आर्मी जनरल माइकल कुरिल्ला ने बेरूत में कमांड सेंटर का दौरा किया, जहां युद्धविराम की निगरानी की जा रही है और उन्होंने लेबनान के सशस्त्र बलों के कमांडर जनरल जोसेफ औन से मुलाकात की। सेंटकॉम ने कहा, “कुरिला समझौते के तहत लेबनान के अल खियाम में चल रही पहली इजरायली रक्षा बलों की वापसी और लेबनानी सशस्त्र बलों के प्रतिस्थापन की निगरानी करने के लिए वहां मौजूद थे।” कुरिल्ला ने कहा कि यह शत्रुता के स्थायी समापन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहला कदम है।
युद्धविराम समझौते के तहत, हिजबुल्लाह आतंकवादियों को दक्षिणी लेबनान में अपने ठिकानों को छोड़कर लिटानी नदी के उत्तर की ओर जाना होगा, जो इजरायल की सीमा से लगभग 20 मील (30 किमी) उत्तर में बहती है।
क्या हैं सीजफायर डील की शर्तें?
नवंबर में अमेरिका और फ्रांस द्वारा इजरायल और लेबनान स्थित हिजबुल्लाह आतंकवादी समूह के बीच 60 दिन का युद्धविराम समझौता कराया गया था जिसका मुख्य उद्देश्य लेबनान से इजरायली सैनिकों की चरणबद्ध वापसी और क्षेत्र के स्थान पर लेबनानी सेना की तैनाती करना है। युद्ध विराम समझौते के तहत, हिजबुल्लाह आतंकवादियों को दक्षिणी लेबनान में अपने ठिकानों को छोड़कर लिटानी नदी के उत्तर की ओर जाना होगा, जो इजरायल की सीमा से लगभग 20 मील (30 किमी) उत्तर में बहती है।
इजरायल-हिजबुल्लाह के बीच संघर्ष विराम
पिछले महीने इजरायल-हिजबुल्लाह के बीच हुए संघर्ष विराम के चलते लड़ाई में 60 दिनों की रोक का समझौता किया गया था। समझौते में मध्यस्थता अमेरिका और फ्रांस ने की थी। दोनों ही देश युद्धविराम की शर्तों के पालन की निगरानी के लिए गठित आयोग का नेतृत्व कर रहे हैं। पढ़ें- इजरायल और लेबनान के बीच हुआ सीजफायर का समझौता