इजरायल ने लेबनान में एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। तमाम मीडिया रिपोर्ट्स बता रही हैं कि नरसल्लाह के उत्तराधिकारी हाशिम सफीद्दीन को मौत के घाट उतार दिया गया है। इजरायल ने बमबारी कर उसे निशाना बनाया और उसका काम-तमाम हो गया। लेकिन अभी तक इजरायल की सेना और लेबनान इसे लेकर कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया है।

क्या सही में मारा गया हाशिम सफीद्दीन?

अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल की सेना ने हाशिम सफीद्दीन को ही टारगेट कर बेरूत में बमबारी की थी। इजरायल को ऐसे इनपुट मिल गए थे कि हाशिम दक्षिणी लेबनान के एक बंकर में छिपा बैठा था। ऐसे में तभी इजरायल ने एयर स्ट्राइक की और कई सारी मिसाइलें वहां दाग दीं। उसी हमले में नसरल्लाह के उत्तराधिकारी के मारे जाने की खबर है। अमेरिका ने 2017 में ही उसे आतंकी घोषित कर दिया था। लंबे समय से इजरायल को उसकी तलाश थी, कई बार निशाना बनाने का प्लानिंग भी हुई।

भारत के पास भी इजरायल जैसा ‘सुरक्षा कवच’?

अब बताया जा रहा है कि गुरुवार को इजरायल को पुख्ता इनपुट मिल गए थे कि हिजबुल्लाब का होने वाला कमांडर वहीं छिपा बैठा है। उसके मारे जाने के बाद से हिजबुल्लाब के सामने फिर अस्तित्व का संकट खड़ा हो गया है। पहले से ही इजरायल के सामने बैकफुट पर आ चुका यह संगठन अब फिर नई चुनौतियों से घिर गया है।

कौन था हाशिम सफीद्दीन?

हाशिम सफीउद्दीन का जन्म 1964 में दक्षिणी लेबनान के डेर कानून अल-नहर में हुआ था। उसको लंबे समय से नसरल्लाह के उत्तराधिकार के तौर पर तैयार किया जा रहा था। वह ईरान में पढ़ाई कर रहा था। उसको 1990 के दशक में ईरान से वापस बुला लिया गया था। ऐसा इस वजह से किया गया था ताकि वह हिजबुल्लाह के अंदर नेतृत्व की भूमिका निभा सके। नसरल्लाह ने जब हिजबुल्लाह की बागडोर संभाली थी उसी के मजह दो साल के बाद सफीउद्दीन को समूह की कार्यकारी परिषद का चीफ नियुक्त किया गया।

पिछले तीन दशकों में सफीउद्दीन ने हिजबुल्लाह के कई अभियानों का मैनेजमेंट किया है। इतना ही नहीं उसने वित्त जैसे क्षेत्रों की भी अच्छी खासी देखरेख की है। नसरल्लाह ने रणनीतिक मामलों पर ज्यादा फोकस किया।