इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध हर बीतते दिन के साथ और ज्यादा विस्फोटक बनता जा रहा है। पिछले 10 दिनों में हालात काफी बिगड़ चुके हैं और अब युद्ध गाजा पर कब्जा करने तक आ चुकी है। इस समय इजरायल की कार्रवाई पर कई तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है, कोई इसे सही बता रहा है तो कोई इस पर सवाल भी खड़ा कर रहा है। लेकिन इस बीच इजरायल के ही पूर्व प्रधानमंत्री ने ही नेतनयाहू की रणनीति को सिरे से खारिज कर दिया है।

नेतनयाहू क्यों अपने ही देश में घिरे?

एनडीटीवी से बात करते हुए इजरायल के पूर्व पीएम Ehud Olmert ने दो टूक कहा है कि हमास जो इतना ताकतवर बन गया है, उसके लिए पूरी तरह नेतनयाहू जिम्मेदार हैं। इंटरव्यू के दौरान पूर्व पीएम ने कहा कि हमास जो इतना ताकतवर दिख रहा है, उसके लिए नेतनयाहू ही जिम्मेदार हैं। इस समय इजरायल के ही 80 फीसदी लोग उन्हें सत्ता से हटाना चाहते हैं। पूर्व पीएम ने इस बात पर भी जोर दिया कि पहले इजरायल को जिन फिलिस्तीनियों का सामना करना पड़ता था, वो ज्यादा कट्टर नहीं थे, लेकिन नेतनयाहू की नीतियों ने हमास जैसे संगठन को जन्म दे दिया।

एक पुरानी घटना को याद करते हुए Ehud Olmert ने बताया कि एक इजरायल के सैनिक के लिए नेतनयाहू द्वारा 1000 हमास के खूंखार सैनिकों को छोड़ दिया गया था। वे मानते हैं कि इसी वजह से हमास को इतनी ताकत मिल गई और अब इजरायल पर ये हमला हो गया। खुद पीएम नेतनयाहू ने अभी तक इस आरोप पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। वैसे इस समय युद्ध में अमेरिका भी एक बड़ी भूमिका निभाता दिख रहा है।

अमेरिका क्या भूमिका निभा रहा?

पेंटागन ने इज़राइल-हमास युद्ध का जवाब देने के लिए लगभग 2,000 अमेरिकी सैनिकों को तैनाती के लिए तैयार रहने के आदेश भेजे हैं। एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी AP से कहा कि सैनिक विभिन्न प्रकार की सहायक भूमिकाएं निभाएंगे, जैसे अतिरिक्त चिकित्सा सहायता या अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करना। अब वो सुरक्षा कब तक मिलेगी, ये तो समय बताएगा, लेकिन इजरायल ने अपने स्तर पर हमास को बड़ा नुकसान पहुंचाने का काम कर दिया है।

इजरायल ने हमास के कमांडर ओसामा मजिनी को ढेर कर दिया है। इजरायल पर हमास के हमले में ओसामा ने अहम भूमिका निभाई थी। इससे पहले भी हमास के मुख्य कमांडर को मौत के घाट उतार दिया गया है। दावा किया गया है कि आने वाले दिनों में हमास को पूरी तरह तबाह कर दिया जाएगा।