इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध चार दिनों के लिए थम चुका है। जो डील हुई है, उस पर हमास ने अपना अमल करना भी शुरू कर दिया है। उसी वजह से बंधकों के पहले बैच को रिहा कर दिया गया है, इसमें इजरायल के 13 तो थाइलैंड के 14 नागरिक शामिल हैं। अब इन सभी बंधकों को अभी सीधे इजरायल नहीं ले जाया जाएगा, बल्कि सभी पहले मिस्र जाएंगे और फिर वहां से उन्हें इजरायल को सौंपा जाएगा।
रिहाई के बाद क्यों होगा?
अभी के लिए बताया जा रहा है कि रेडक्रास ही इजरायल के बंधकों को इजिप्ट लेकर जा रही है। वहां से हेलीकॉप्टर के जरिए ये सभी अपने देश इजरायल पहुंचेंगे। इजिप्ट और गाजा का जो राफा बॉर्डर है, वहं पर इस सयम भारी भीड़ है, ये सभी वो लोग हैं जो अपने परिजनों का वापस लौटने का इंतजार कर रहे हैं। इस पूरे ऑपरेशन पर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सीधी नजर है। उनकी एक ही प्राथमिकता है कि ये सभी बंधक सुरक्षित देश वापस लौट जाएं।
कैसे हुई थी डील?
यहां ये समझना जरूरी है कि हमास ने इस युद्ध विराम के दौरान कम से कम 50 बंधकों को रिहा करने का वादा किया है। इजराइल हर बंधक को आजाद किए जाने के बदले में तीन फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा। यह काम आगामी चार दिन में कई चरणों में होगा। कतर, अमेरिका और मिस्र की मध्यस्थता में कई हफ्ते की गहन अप्रत्यक्ष बातचीत के बाद यह समझौता हुआ।
जंग में कितनों की चली गई जान?
अभी तक इस युद्ध में गाजा के 14000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है तो वहीं इजरायल में भी 1200 लोगों की जान गई है। असल में सात अक्टूबर को अचानक से हमास ने इजरायल पर हमला किया था, उसके नागरिकों का भी कत्ल कर दिया। उस हमले के बाद ही इजरायल की सरकार ने हमास के खात्मे का ऐलान किया और ये युद्ध शुरू हो गया।