Israel Hamas War News Updates: इजरायल-हमास संघर्ष के बीच गाजा में डर और भ्रम के हालात बने हुए हैं। शुक्रवार को ऐसे दावे किए गए कि इजरायली सेना ने 1 मिलियन से ज्यादा फिलिस्तीनियों को दक्षिण की ओर जाने के लिए कहा है और ऐसा सेना के ग्राउंड ऑपरेशन के तहत कहा गया है। इस मामले में संयुक्त राष्ट्र का भी बयान सामने आया है। UN ने कहा कि इजरायल ने गाजा के लोगों को जगह खाली करने के लिए 24 घंटे का समय दिया है जबकि ऐसा करना असंभव है। हमास ने इजरायली चेतावनी को फर्जी प्रचार बताया है और अपील जारी की है कि आम फिलिस्तीनी इस आदेश पर ध्यान ना दें।

संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (UN World Food Programme) के मुताबिक गाजा के हालात बदतर हो चुके हैं और इजरायली घेराबंदी के दौरान वहां खाने-पीने की किल्लत है। कई इलाकों में जनरेटर के सहारे चंद घंटों की बिजली बची है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इजरायल का कहना कि जब तक इजरायली बंधकों को रिहा नहीं किया जाता तब तक उसकी नाकाबंदी खत्म नहीं होगी।

50 हजार गर्भवती महिलाओं तक नहीं पहुंच रहा पानी

संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि गाजा में 50,000 गर्भवती महिलाएं जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं और यहां तक कि साफ पानी तक हासिल नहीं कर पा रही हैं। दूसरी तरफ हमास द्वारा मारे गए इजारायली नागरिकों की की संख्या बढ़कर 1,300 हो गई है, शुरुआत में कम से कम 150 इजारायली नागरिकों को गाजा पट्टी में बंधक बना लिया गया था। गाजा में मरने वालों की तादाद 1,500 से ज्यादा है। 338,000 लोग बेघर हो गए हैं। 

UNICEF ने कहा बच्चों की सुरक्षा के लिए रुकना चाहिए युद्ध

यूनिसेफ ने कहा है कि इजरायल और हमास के बीच बढ़ते संघर्ष के बीच फिलिस्तीन के गाजा में बच्चों की सुरक्षा के लिए युद्धविराम और मानवता दिखाने की जरूरत है। यूनिसेफ के प्रवक्ता जेम्स एल्डर ने शुक्रवार को कहा कि बच्चों को सुरक्षित रखने का एकमात्र तरीका युद्धविराम है। उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलनी चाहिए। अस्पतालों को अपना काम करने देना चाहिए। ह्यूमन राइट्स कार्यकर्ताओं को उनका काम करने दिया जाना चाहिए। फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों का हवाला देते हुए एल्डर ने कहा कि अब तक गाजा में 447 बच्चे मारे गए हैं।

रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति का कहना है कि वह गाजा में 1.1 मिलियन लोगों को सहायता दे पाने में सक्षम नहीं हैं। एक बयान में कहा गया कि सैन्य घेराबंदी के साथ आईसीआरसी समेत मानवीय संगठन गाजा में लोगों के इतने बड़े पैमाने पर विस्थापन में सहायता नहीं कर पाएंगे। बयान में आगे कहा गया है कि जरूरतें चौंका देने वाली हैं और मानवीय संगठनों को सहायता अभियान बढ़ाने में सक्षम होना चाहिए।” रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति (आईसीआरसी) युद्ध और हिंसा की अन्य स्थितियों के पीड़ितों के लिए मानवीय सुरक्षा और सहायता सुनिश्चित करती है।

दक्षिण की ओर जाने लगे हैं लोग 

एक अंतराष्ट्रीय मीडिया वेबसाइट के मुताबिक गाजा शहर में लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर बढ़ने लगे हैं। कई परिवार गाजा के उत्तरी और मध्य क्षेत्रों से दक्षिण की ओर या तो अपनी कारों जा रहे हैं या फिर पैदल ही निकल गए हैं। हालांकि बड़ी तादाद में अभी लोग यहीं बसे हुए हैं, इसका एक अहम कारण वहां के नागरिक बताते हैं कि गाजा में अब कहीं भी वह सुरक्षित नहीं हैं।