इजरायल और हमास के बीच सीजफायर हो चुका है और गाजा में युद्ध रुक गया है। हालांकि युद्ध रुकने के बावजूद इजरायली सेना ने मंगलवार को उत्तरी गाजा में गोलीबारी की। गोलीबारी को लेकर इजरायली सेना ने बयान भी जारी किया, जिसमें उसने कहा कि कुछ संदिग्ध लोग उसके सुरक्षा बलों के पास आ रहे थे और बचाव में उसने गोलीबारी की है। इजरायली सेना ने इस कदम को खतरे को दूर करने का प्रयास बताया। गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि पूरे क्षेत्र में दो अलग-अलग घटनाओं में कम से कम छह फ़िलिस्तीनी मारे गए।

इजरायली सेना ने क्या कहा?

इजरायली सेना के अनुसार ये लोग अमेरिका द्वारा मध्यस्थता वाले युद्धविराम के तहत इजरायल की प्रारंभिक सैन्य वापसी के लिए निर्धारित क्षेत्र में घुस गए थे। इस कदम को समझौते की शर्तों का उल्लंघन बताया गया।

इजरायली सेना ने X पर एक बयान में कहा, “आज (मंगलवार) को, कई संदिग्धों की पहचान पीली रेखा पार करके उत्तरी गाजा पट्टी में सक्रिय आईडीएफ सैनिकों के पास पहुँचने के रूप में की गई, जो समझौते का उल्लंघन है। संदिग्धों को दूर करने का प्रयास किया गया। संदिग्धों ने उनकी बात नहीं मानी और सैनिकों के पास आते रहे, जिन्होंने खतरे को दूर करने के लिए गोलीबारी शुरू कर दी। इजरायली सेना ने गाजा निवासियों से निर्देशों का पालन करने और क्षेत्र में तैनात सैनिकों के पास जाने से बचने का आह्वान किया।”

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यह ताज़ा हिंसा हमास द्वारा गाजा से जीवित इजरायली बंदियों को रिहा करने और इजरायल द्वारा युद्धविराम समझौते के तहत सैकड़ों फ़िलिस्तीनी बंदियों को रिहा करने के एक दिन बाद हुई है।

हमास ने छोड़े बंदी

बता दें कि इजरायल और हमास के बीच युद्ध थम गया है। हमास ने इजरायल के 20 बंधकों को रिहा कर दिया है। वहीं इजरायल की ओर से रिहा किए गए 154 फलस्तीनी कैदियों को मिस्र भेजा गया है। मिस्र के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। हमास की तरफ से बंधकों की रिहाई के बदले इजराइल की ओर से रिहा किए जा रहे 1900 से अधिक फलस्तीनियों में ये कैदी भी शामिल हैं। एक अधिकारी ने बताया कि रिहा किये गये कैदियों को समझौते के तहत तीसरे देशों में भेजा जाना है। इस बीच अन्य फलस्तीनी कैदी अपनी रिहाई के बाद गाजा पहुंच गए।