पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ को फील्ड मार्शल के तौर पर पदोन्नत करने की याचिका को शुक्रवार (21 अक्टूबर) को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया। कुछ हफ्ते बाद वह इस पद से सेवानिवृत्त होने वाले हैं। न्यायमूर्ति आमिर फारूक ने कहा कि इस सिलसिले में विधायिका को निर्देश देने का अधिकार अदालत के पास नहीं है। डॉन ने खबर दी है कि न्यायाधीश ने जब याचिकाकर्ता के वकील राजा सैम्युएल हक सत्ती से पूछा कि क्या कोई कानून है जिसके तहत संघ सरकार को जनरल राहील को फील्ड मार्शल के तौर पर पदोन्नत करने के लिए कहा जा सकता है तो उन्होंने कहा कि संघ सरकार इसके लिए नया कानून बना सकती है।
अपने आदेश में न्यायमूर्ति फारूक ने कहा, ‘कोई कानून बनाने के लिए विधायिका को आदेश जारी नहीं किया जा सकता।’ आदेश में कहा गया कि याचिका ‘‘में कोई दम नहीं है और इसे खारिज किया जाता है।’ याचिकाकर्ता सरदार अदनान सलीम ने जनरल राहील (60) को व्यापक देशहित में फील्ड मार्शल के पद पर तैनात करने के लिए उच्च न्यायालय का सहयोग मांगा था।