बांग्लादेश में इस्कॉन के एक मंदिर में एकत्र हुए लोगों पर अज्ञात बंदूकधारियों ने हमला कर बम फेंके और गोलियां चलाईं। घटना में दो श्रद्धालु घायल हुए हैं। एक सप्ताह के अंदर इस इलाके में यह ऐसी दूसरी घटना है। बीती रात कहरोल उप जिले के एक गांव में मंदिर में मौजूद दर्जनों लोगों पर तीन बम फेंके गए और फिर गोलियां चलाई गईं जिसके चलते दो श्रद्धालु घायल हो गए। एक पुलिस अधिकारी ने फोन पर बताया ‘पहले तो पुजारियों और श्रद्धालुओं ने सोचा कि स्थानीय स्कूल समिति के चुनाव में जीतने वाले कुछ लोग पटाखे छोड़ कर जश्न मना रहे हैं लेकिन फिर पता चला कि हमलावरों ने छह गोलियां चलाईं जिससे दो व्यक्ति घायल हो गए।’
पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दिनाजपुर के उत्तर-पश्चिम में स्थित इस मंदिर का संचालन इंटरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) द्वारा किया जा रहा है। अधिकारी ने बताया कि श्रद्धालुओं और आसपास के लोगों ने हमलावरों को खदेड़ा और उनमें से एक को घटनास्थल के पास ही पकड़ लिया। दूसरा संदिग्ध समीपवर्ती बीरगंज उप जिले में शुक्रवार को एक मकान में शरण मांगते समय पकड़ा गया।
एक स्थानीय पत्रकार ने घटनास्थल से बताया, ‘पकड़े गए दूसरे संदिग्ध ने गोली चला कर मकान मालिक के बच्चे को घायल कर दिया। मकान मालिक ने आज सुबह संदिग्ध को शरण देने से मना कर दिया था। पड़ोसियों ने मौके पर पहुंच कर संदिग्ध को पकड़ लिया।’ उसने बताया कि दो हिंदू श्रद्धालुओं और एक मुस्लिम बच्चे का दो सरकारी अस्पतालों में इलाज चल रहा है। पुलिस का कहना है कि वह पकड़े गए दोनों संदिग्धों से पूछताछ कर रही है।
दिनाजपुर के पुलिस अधीक्षक राहुल अमीन ने बताया, ‘हमलावरों की पहचान या हमले के कारणों के बारे में हम अभी आपको कुछ नहीं बता सकते लेकिन हमने जांच शुरू कर दी है और पकड़े गए दोनों संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है।’ हमले के विरोध में इलाके में रहने वाले हिंदू समुदाय के लोग बड़ी संख्या में दिनाजपुर प्रेस क्लब में एकत्र हुए और मानव श्रृंखला बनाई।
पांच दिन पहले, इसी उप जिले में ऐतिहासिक कांताजी मंदिर के परिसर में एक हिंदू पर्व के दौरान बम विस्फोट होने से दस व्यक्ति घायल हो गए थे। कांताजी मंदिर एक पुरातत्व स्थल है। पुलिस का दावा है कि पांच दिन पहले हुआ हमला राशमेला आयोजन स्थल की लीज को लेकर राजनीतिक रूप से रसूखदार नेताओं के दो समूहों के बीच टकराव का नतीजा था।
