इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने मध्य अफगानिस्तान के गोर प्रांत में कम से कम 30 असैन्य नागरिकों की हत्या कर दी। स्थानीय सरकार ने बुधवार (26 अक्टूबर) को यह जानकारी दी। यह घटना प्रांतीय राजधानी फिरोज कोह के उत्तर में मंगलवार देर रात हुई। सरकार का कहना है कि एक स्थानीय आईएस कमांडर के मारे जाने के बाद बदला लेने के लिए यह हमला किया गया। गोर के गवर्नर नासिर खाजे ने एएफपी से कहा, ‘हमारे सुरक्षा बलों ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर एक अभियान चलाया था जिसमें दाएश (आईएस) का एक आतंकवादी मंगलवार को मारा गया था। इसके जवाब में दाएश लड़ाकों ने करीब 30 ग्रामीणों को अगवा कर लिया जिनमें अधिकतर चरवाहे थे।’ उन्होंने कहा, ‘स्थानीय लोगों को आज (बुधवार, 26 अक्टूबर) सुबह ग्रामीणों के शव मिले।’ समूह ने अभी तक इस हमले की आधिकारिक रूप से जिम्मेदारी नहीं ली है। यह घटना अफगानिस्तान की कमजोर सुरक्षा व्यवस्था को रेखांकित करती है। अमेरिका के आक्रमण में सत्ता से हटाए जाने के 15 वर्ष बाद फिर से अपनी ताकत बढ़ा रहा तालिबान शहरी केंद्रों की ओर बढ़ रहा है।
आईएस के लड़ाके धीरे-धीरे अफगानिस्तान में भी लगातार पैठ बना रहे है। वे समर्थन हासिल कर रहे है, भर्तियां कर रहे हैं और तालिबान को उसकी ही जमीन पर, खासकर देश के पूर्व में चुनौती दे रहे हैं। इस्लामिक समूह के खिलाफ महीनों चले अभियान में स्थानीय सुरक्षा बलों के जीत के दावे के बाद अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मार्च में घोषणा की थी कि आईएस हार गए हैं। लेकिन आईएस के आतंकवादियों के देश में घातक हमले जारी हैं। आईएस आतंकवादियों ने जुलाई में काबुल में शिया हजारा की भीड़ पर हुए दोहरे विस्फोटों की जिम्मेदारी ली थी, जिनमें कम से कम 80 लोग मारे गए थे। यह अफगानिस्तान में 2001 के बाद से हुआ सबसे घातक हमला है। एएफपी