ईरान ने अरबों डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) में शामिल होने की गुरुवार (22 सितंबर) को इच्छा जताई। यह गलियारा पश्चिमी चीन को बलूचिस्तान में ग्वादार समुद्री बंदरगाह से जोड़ता है और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजरता है। ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी ने 71वें संयुक्तराष्ट्र महासभा सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ अलग से बैठक में यह इच्छा जताई। शरीफ के कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘राष्ट्रपति रोहानी ने सीपीईसी को हकीकत में बदलने के लिए प्रधानमंत्री की सराहना की और इस परियोजना से जुड़ने की इच्छा जताई।’ बयान के अनुसार दोनों नेताओं ने क्षेत्र के विकास के लिए संपर्क परियोजनाओं को महत्वपूर्ण बताया। उल्लेखनीय है कि भारत ने 46 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के पीओके (पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर) से गुजरने को लेकर चिंता व्यक्त की है। मुलाकात के दौरान शरीफ ने ईरान के राष्ट्रपति के समक्ष कश्मीर में भारत की तरफ से किए जा रहे कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन का भी मुद्दा उठाया।