जकार्ता के तट के पास एक नौका में आग लगने की घटना में 17 लोगों के अब भी लापता होने के बीच सोमवार (2 जनवरी) को तलाश अभियान फिर से शुरू हो गया। इस दुर्घटना में 23 लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि जकार्ता के पास एक बंदरगाह से केपुलायुआन सेरिबु श्रृंखला में एक रिसॉर्ट द्वीप तिदुंग जा रही नौका में रविवार (1 जनवरी) को आग लग गई थी। इस नौका में 260 से अधिक लोग सवार थे। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार अधिकतर यात्री इंडोनेशियाई थे जो नववर्ष की छुट्टी मना रहे थे। जकार्ता तलाशी एवं बचाव एजेंसी के अधिकारी दीतो ने कहा कि कम से कम पांच नौकाओं एवं कई स्पीडबोट एवं रबड़बोट को तलाश अभियान में लगाया गया है। दीतो ने कहा कि बचाए गए 224 यात्रियों में से 32 का तीन अस्पतालों में उपचार किया जा रहा है। जकार्ता डिजास्टर मिटिगेशन एजेंसी के अधिकारी सेपली माड्रेटा ने कहा कि आग ने करीब आधी नौका को तबाह कर दिया और 23 शव बरामद हुए हैं ।

जकार्ता पुलिस स्वास्थ्य विभाग के कर्नल उमर शाहाब ने कहा कि नौका में मिले 20 शव इतनी बुरी तरह झुलस गए हैं कि उनकी पहचान करना संभव नहीं है और पहचान करने के लिए उन्हें एक पुलिस अस्पताल में भेजा गया है। प्रत्यक्षदर्शियों ने मेट्रो टीवी से कहा कि नौका के मुआरा अंगके बंदरगाह से रवाना होने के करीब 15 मिनट बाद इसमें आग लग गई। आग लगने का कारण तत्काल स्पष्ट नहीं हो पाया है। कुछ यात्रियों ने स्थानीय मीडिया को बताया कि पहले नौका के इंजन से धुआं उठता देखा गया। समुद्री परिवहन निदेशक टॉनी बुदिओनो ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रारंभिक आशंका के अनुसार आग ‘संभवत: इंजन कक्ष में शॉर्ट सर्किट होने के कारण लगी।’ शॉर्ट सर्किट के कारण संभवत: ईंधन टैंक में विस्फोट हुआ। जकार्ता डिजास्टर मिटिगेशन एजेंसी के प्रमुख डेनी वाहयु हायांतो ने कहा कि नौका में इतनी अधिक संख्या में यात्री मौजूद होने के बावजूद नौका के घोषणापत्र के अनुसार चालक दल के छह सदस्यों के साथ यात्रियों के रूप में मात्र 100 लोग पंजीकृत थे।