विभाजन से पहले भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में स्वास्थ्य अवसंरचनाओं का नेटवर्क तैयार करने के लिए विख्यात भारतीय सिविल इंजीनियर गंगा राम की प्रपौत्री अमेरिकी राज्य वरमॉन्ट में एक शीर्ष पद के लिए हो रहे चुनाव की दौड़ में शमिल हैं। अपने परदादा से प्रेरणा लेते हुए भारतीय-यहूदी-अमेरिकी केशा राम ने यह वादा किया कि अगर वह अमेरिकी राज्य वरमॉन्ट की लेफ्टिनेंट गर्वनर चुनी जाती हैं तो वहनीय स्वास्थ्य सेवा एवं शिक्षा उनकी प्राथमिकता होगी।
29 वर्षीय केशा पहली अश्वेत हैं जो वरमॉन्ट के शीर्ष पद के लिए दौड़ में हैं। केशा ने ‘पीटीआई’ से साक्षात्कार में कहा, ‘‘पिछले साल मैं भारत गई थी। मैं पवित्र नदी में अपने पिता की अस्थियां विसर्जित करने के लिए गई थी। लेकिन यात्रा के दौरान हमने सर गंगा राम अस्पताल का दौरा किया, जहां मेरे रिश्तेदार निदेशक बोर्ड का नेतृत्व करते हैं।’’ केशा के पिता का जन्म लाहौर में हुआ, लेकिन विभाजन के बाद उनका परिवार भारत मेें पंजाब आकर बस गया। पढ़ाई के सिलसिले में केशा के पिता लॉस एंजिलिस आए जहां उनकी मुलाकात यहूदी-अमेरिकी केशा की मां से हुई।
अपनी पढ़ाई के सिलसिले में केशा यूनिवर्सिटी आॅफ वरमॉन्ट गईं और 22 साल की उम्र में वह यूनिवर्सिटी डिस्ट्रिक्ट और हिल सेक्शन आॅफ बर्लिंगटन के प्रतिनिधित्व के लिए राज्य की हाउस आॅफ रिप्रेजेंटेटिव की सदस्य चुनी गईं। वह 2009 से जिले का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।केशा ने कहा कि राजनीति में बर्नी सैंडर्स ने उन्हें पहला मौका दिया। हिलेरी क्लिंटन के राष्ट्रपति बनने की संभावना पर जब उनसे यह पूछा गया कि क्या अमेरिका पहली महिला राष्ट्रपति के लिए तैयार है, इसके जवाब में केशा ने कहा, ‘‘हां।’’