पूर्वी अफ्रीकी देश युगांडा की राजधानी कंपाला में एक भारतीय की गोली मारकर हत्या कर दी गई। 21 लाख शिलिंग यानी कि 46 हजार रुपये के कर्ज के लिए पुलिस कांस्टेबल ने भारतीय बैंकर को मौत के घाट उतार दिया। पुलिस कांस्टेबल ने ऑफ ड्यूटी इस घटना को अंजाम दिया उसने एके-47 राइफल से कई बार फायरिंग की। बताया गया कि आरोपी पहले मानसिक बीमारी के चलते दो बार अस्पताल में भी रह चुका है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपी पुलिस कांस्टेबल घटना के समय ड्यूटी पर नहीं था। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। कंपाला मेट्रोपोलिटन पुलिस ने कहा कि पुलिस कांस्टेबल इवान वाबवायर को 12 मई को भारतीय बैंकर उत्तम भंडारी पर गोली चलाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। कंपाला के अखबार डेली मॉनिटर की खबर के मुताबिक, घटनास्थल से मिले वीडियो फुटेज में देखा गया कि वाबवायर ने किस तरह से बेहद करीब से कई बार उत्तम भंडारी पर गोलियां बरसाईं।
पुलिस ने यह भी बताया कि उत्तम भंडारी टीएफएस फाइनेंशियल सर्विसेज का निदेशक था और वाबवायर उसका क्लाइंट था। खबर के मुताबिक, कांस्टेबल ने कंपनी से जो राशि उधार ली थी उसे लेकर दोनों के बीच कुछ गलतफहमी हो गई। 12 मई को जब इवान वाबवायर को उसके कर्ज के बारे में बताया तो उसने उत्तम के साथ झगड़ा करना शुरू कर दिया। उसने दावा किया कि उसे कर्ज की राशि बढ़ाकर बताई गई।
कंपाला मेट्रोपोलिटन पुलिस के प्रवक्ता पैट्रिक ओनयांगो ने डेली मॉनिटर को बताया कि भंडारी को गोली मारने के बाद वाबवायर अपनी एके-47 राइफल वहीं छोड़कर भाग गया। वाबवायर ने कमरे में साथ रहने वाले अपने साथी पुलिसकर्मी से यह राइफल चुराई थी। पुलिस को घटना स्थल से 13 गोलियां बरामद हुई हैं। पुलिस ने बताया कि वाबवायर पहले मानसिक बीमारी का शिकार रह चुका है और मानसिक स्वास्थ्य के कारण दो बार अस्पताल में भी रह चुका है। इसके बाद उस पर हथियार रखने के लिए पाबंदी लगाई गई थी। वाबवायर को फिलहाल पूर्वी युगांडा में बुसिया थाने में रखा गया है।
समाचार पोर्टल नील पोस्ट की खबर के मुताबिक, पुलिस उपमहानिरीक्षक जेफ्री तुमुसिमे कात्सिगाजी ने युगांडा में भारतीय समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की और उनकी सुरक्षा को लेकर उन्हें आश्वस्त किया। युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी ने सुरक्षा बलों से जवाब मांगा है कि किसी ऑफ ड्यूटी पुलिसकर्मी को हथियार कैसे मिल गया।