बांग्लादेश की राजधानी ढाका में रामकृष्ण मिशन के एक पुजारी को अथित आईएसआईएस से कथित मौत की धमकी मिली है। इसके बाद दिल्ली के साउथ ब्लॉक में हलचल पैदा हो गई। मामले के बाद पीएमओ और भारतीय उच्चायोग हरकत में आ गए हैं और बांग्लादेश में पुजारी की सुरक्षा सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश की गई। सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद आरके मिशन के अनुयायी हैं, ऐसे में विदेश मंत्रालय इस मामले को प्राथमिकता दे रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने आरके मिशन के कोलकाता आश्रम की कई बार यात्रा भी की है। पिछले साल जून में पीएम मोदी ढाका के आरके मिशन आश्रम भी गए थे।
भारतीय उच्चायोग ने इस मामले को ढाका प्रशासन के सामने रखा है। इसके बाद आरके मिशन आश्रम के पास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि पुजारी को मारने की धमकी वाला पत्र बुधवार को मिला है। इसमें कहा गया है कि अगर पुजारी अपने धर्म का प्रचार लगातार करता रहा तो उसे जान से मार दिया जाएगा। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे जानलेवा हमलों के बाद प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया, ‘ढाका में भारतीय उच्चायोग ने बांग्लादेश पुलिस और विदेश मंत्रालय से संपर्क किया है। उन्हें सुरक्षा के लिए पूरे सहयोग का भरोसा दिया गया है। हम लोग भी ढाका में आरके मिशन से डायरेक्ट संपर्क में हैं।’ स्वरूप ने बताया कि शुक्रवार सुबह उच्चायोग के एक अधिकारी ने आरके आश्रम जाकर सुरक्षा का जायजा भी लिया था।
बांग्लादेश की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ढाका में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुजारी को धमकी भरा पत्र बुधवार शाम को मिला है। यह पत्र इस्लामिक स्टेट के लेटर हेड पर कंप्यूटर से टाइप किया हुआ है। पत्र भेजने वाले ने अपना नाम एबी सिद्दीकी बताया है।
पत्र में लिखा है, ‘बांग्लादेश एक इस्लामिक देश है। आप यहां अपने धर्म का प्रचार नहीं कर सकते। अगर आप प्रचार जारी रखते हैं तो 20 से 30 तारीख के बीच आपका कत्ल कर दिया जाएगा।’ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पत्र में किसी महीने का जिक्र नहीं है।