भारत ने राष्ट्रमंडल देशों के नागरिकों के लिए ग्रामीण विकास, नवीकरणीय ऊर्जा और आईटी सहित विभिन्न क्षेत्रों में पूरी तरह से वित्त पोषित प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम का लक्ष्य सदस्य देशों के नागरिकों में क्षमता निर्माण करना है। पाठ्यक्रम भारत द्वारा प्रायोजित है और इसे भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक (आईटीईसी) कार्यक्रम के तहत संस्थानों के जरिए प्रदान किया जाएगा। आईटीईसी, राष्ट्रमंडल सचिवालय के तीसरी दुनिया के देशों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का हिस्सा है जिसका लक्ष्य सदस्य देशों के नागरिकों को विकासात्मक क्षेत्र में विशेष प्रशिक्षण मुहैया कराकर उनकी क्षमता का निर्माण करना है।
यहां राष्ट्रमंडल सचिवालय के तकनीकी सहायता विभाग की प्रमुख पॉलीन कैम्पबेल ने कहा, ‘मैं भारत की सरकार का इस बात के लिए शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि उसने राष्ट्रमंडल सदस्य देशों के नागरिकों को ऐसे क्षेत्रों में अपनी कुशलता और विशेषज्ञता का विकास करने और उसकी धार को तीक्ष्ण बनाने का यह शानदार अवसर मुहैया कराया है जो सतत विकास के लिए महत्वपूर्ण है।’ उन्होंने कहा, ‘सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के साथ साथ गैर सरकारी संगठनों में काम करने वाले लोगों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है। मैं चाहती हूं कि आप निर्धारित समय सीमा तक पात्रता मानदंडों को देखने के बाद जल्द से जल्द अपने आवेदन पत्र भेजें।’ भारत ने 2016-17 कार्यक्रम के लिए राष्ट्रमंडल सदस्य देशों के प्रतिभागियों के लिए 30 सीटें आवंटित की हैं।