पाकिस्तान ने भारत पर संबंधों को सामान्य बनाने की कोशिशों में पलीता लगाने तथा वार्ता टालने के लिए बिल्कुल तुच्छ वजहों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। उसने भारत से कश्मीर मुद्दे का समाधान करने में गंभीरता दिखाने को कहा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने कहा, ‘(संबंधों का) वक्ररेखा ढलान पर है। हमने संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में जो भी सद्भावना प्रयास किए, उन सभी में पलीता लगाने के लिए भारत ने हरसंभव कोशिश की।’ जब उनसे पूछा गया कि दोनों देश वर्ष 2016 में क्यों वार्ता बहाल नहीं कर सके, उन्होंने आरोप लगाया कि भारत वार्ता टालने के लिए बिल्कुल तुच्छ वजहों का इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने दावा किया, ‘जब भी वार्ता की संभावना होती है, तब वह किसी नये बहाने के साथ सामने आ जाता है। वह कश्मीरियों को दबाना चाहता है तथा कश्मीर में मानवता के खिलाफ अपने अपराध को छिपाने एवं अपनी घरेलू राजनीति करने के लिए भी पाकिस्तान कार्ड एवं सीमा पर तनाव का इस्तेमाल करता है।’
यह पूछे जाने पर कि क्या 2017 द्विपक्षीय संबंधों के लिए श्रेष्ठ होगा, पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह इस क्षेत्र में सुरक्षा की स्थिति में सुधार करने के प्रति भारत के रुख, भारतीय हठधर्मिता एवं भारतीय व्यवहार पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा, ‘सबसे महत्वपूर्ण बात, कि उसे भी कश्मीर में खून-खराबा तत्काल रोकना चाहिए।’ जकारिया ने कहा, ‘भारत को यह दिखाना चाहिए कि वह वार्ता के लिए तैयार है। उसे कश्मीर के समाधान के लिए गंभीरता दिखानी चाहिए।’
यह उल्लेख करते हुए कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पिछले साल पाकिस्तान में हर्ट ऑफ एशिया के मौके पर कहा था कि शांति प्रक्रिया जारी रहेगी एवं कोई भी घटना वार्ता को पटरी से नहीं उतारेगी, उन्होंने कहा कि पठानकोट हमले के बाद भारत वार्ता से दूर भागने के लिए इसे बहाना बना रहा है। उन्होंने कहा, ‘वैसे, उनके पास पाकिस्तान के खिलाफ सबूत नहीं है।’
जकारिया ने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ वार्ता से बचने के लिए ‘रॉ के सदस्य ’ कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी जैसे मुद्दों का इस्तेमाल नहीं कर रहा है क्योंकि वह मानता है कि सभी विवादास्पद मुद्दे बातचीत से सुलझाये जा सकते हैं। जाधव ने आतंकवाद फैलाने और उसका वित्तपोषण करने में भारत की संलिप्तता कथित रूप से कबूली है। इसी महीने हुई पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज की भारत यात्रा के बाद नियंत्रण रेखा पर शांति बने रहने के संबंध में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘नियंत्रण रेखा पर शांति अस्थायी है। यह अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और अन्य कई देशों ने तनाव कम करने की अपील की है।’