यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच चीन अपनी सेना को रूस भेजेगा। चीन के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार (17 अगस्त, 2022) को पुष्टि करते हुए कहा कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिक इस महीने के अंत में रूस और बेलारूस व ताजिकिस्तान सहित अन्य देशों के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए रूस की यात्रा करेंगे। वहीं इस सैन्य अभ्यास में भारत भी हिस्सा ले रहा है।

रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वोस्तोक (पूर्व) 2022 अभ्यास फरवरी में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से रूस द्वारा आयोजित किया जाने वाला पहला बड़ा अभ्यास है। रूस के पूर्वी सैन्य जिले में 13 प्रशिक्षण मैदानों में 30 अगस्त से 5 सितंबर तक यह अभ्यास चलेगा।

चीन के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में पुष्टि की कि वह अभ्यास में भाग लेने के लिए सैनिकों को भेजेगा, यह कहते हुए कि “भारत, बेलारूस, ताजिकिस्तान, मंगोलिया और अन्य देश भी भाग लेंगे”।

हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि क्या भारतीय और चीनी सैनिक एक साथ मौजूद रहेंगे या वे अलग-अलग अभ्यासों में भाग लेंगे, जो 13 अलग-अलग प्रशिक्षण मैदानों होगा।

अप्रैल 2020 में पीएलए द्वारा किए गए उल्लंघन के बाद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच दो साल से अधिक समय से गतिरोध बना हुआ है। कुछ क्षेत्रों में विघटन हुआ है।

चीनी रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया है, ‘इस सैन्य अभ्यास का उद्देश्य भाग लेने वाले देशों की सेनाओं के साथ व्यावहारिक और मैत्रीपूर्ण सहयोग को गहरा करना है। इसके अलावा अभ्यास का उद्देश्य भाग लेने वाले दलों के बीच रणनीतिक सहयोग के स्तर को बढ़ाना और विभिन्न सुरक्षा खतरों का जवाब देने की क्षमता को मजबूत करना है।’