कनाडा के खालिस्तानी निज्जर की हत्या की में इंडियन डिप्लोमेट्स का हाथ होने का आरोप लगाने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। हालांकि, भारत ने इन आरोपों को खारिज करते हुए सोमवार को 6 कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित करने और वहां से अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाने की घोषणा की थी। इस बीच कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बुधवार को स्वीकार किया कि उनकी सरकार ने कनाडा की धरती पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के संबंध में भारत को वास्तविक सबूत नहीं दिए।
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, कनाडा की विदेशी हस्तक्षेप जांच (Foreign Interference Inquiry) के समक्ष गवाही देने वाले ट्रूडो ने कहा कि कनाडा ने भारत पर निज्जर की हत्या का सार्वजनिक रूप से आरोप लगाने से पहले केवल खुफिया जानकारी दी थी, कोई सबूत नहीं दिया था।
ट्रूडो ने कहा, “कनाडा ने भारत से सहयोग करने को कहा। उन्होंने सबूत मांगा। हमने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों से आगे की जांच करने और हमारे साथ सहयोग करने को कहा। क्योंकि उस समय हमारे (कनाडा के) पास खुफिया जानकारी थी।”
कनाडाई प्रधानमंत्री बोले- पीएम मोदी के सामने उठाया था मुद्दा
कनाडाई प्रधानमंत्री ने कहा, “मैंने G-20 के अंत में पीएम मोदी के समक्ष यह मुद्दा उठाया था और बताया था कि हम जानते हैं कि भारत इसमें शामिल है। उन्होंने कहा कि कनाडा में कई लोग भारत सरकार के खिलाफ बोलते हैं और वह चाहते हैं कि इन लोगों को गिरफ्तार किया जाए।”
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ट्रूडो ने कहा कि जब वे जी-20 शिखर सम्मेलन के बाद भारत से कनाडा लौटे तो यह स्पष्ट था कि भारत सरकार का दृष्टिकोण हमारी और हमारे लोकतंत्र की अखंडता की आलोचना करना था। ट्रूडो समिति के समक्ष हाल ही में भारत पर लगाए गए आरोप के बाद उपस्थित हुए थे कि भारतीय राजनयिक कनाडा में खालिस्तानी समर्थक आंदोलन के सदस्यों को निशाना बनाने के लिए सूचना एकत्र करने और आपराधिक गिरोहों का उपयोग करने में शामिल थे।
कनाडा का दावा-इस बात के पक्के सबूत हैं कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट शामिल थे
जस्टिन ट्रूडो ने समिति के समक्ष अपना दावा दोहराया कि इस बात के विश्वसनीय सबूत हैं कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट शामिल थे। उन्होंने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का भी नाम लिया, जिसका उल्लेख पहले रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) ने निज्जर की हत्या में शामिल होने के लिए किया था। ट्रूडो ने आरोप लगाया कि भारतीय राजनयिक कनाडाई नागरिकों के बारे में जानकारी एकत्र कर रहे हैं और उसे लॉरेंस बिश्नोई गिरोह को दे रहे हैं।
भारत-कनाडा विवाद
गौरतलब है कि भारत ने सोमवार को छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित करने और वहां से अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाने की घोषणा की थी। भारत ने यह सख्त कदम खालिस्तानी निज्जर की हत्या की जांच से इंडियन डिप्लोमेट्स को जोड़ने के कनाडा के आरोपों को खारिज करते हुए उठाया था। कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा था कि भारत से राजनयिक और वाणिज्य दूतावास संबंधी छूट छोड़ने और जांच में सहयोग करने के लिए कहा गया था लेकिन उसने इनकार कर दिया।