कनाडा में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने सुरक्षा कारणों से वाणिज्य दूतावास शिविर (Consular Camps) रद्द कर दिए। कनाडा स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने गुरुवार को कहा कि वह अपने कुछ वाणिज्य दूतावास शिविरों को रद्द कर रहा है क्योंकि कनाडाई सुरक्षा अधिकारियों ने इसके आयोजकों को न्यूनतम सुरक्षा प्रदान करने में अपनी असमर्थता व्यक्त की है।
यह घोषणा ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर और भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक वाणिज्य दूतावास कार्यक्रम में खालिस्तानी झंडे लेकर पहुंचे प्रदर्शनकारियों के हिंसा करने की घटना के कुछ दिनों बाद की गई है।
कॉन्सुलेट जनरल ऑफ इंडिया ने X पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सुरक्षा एजेंसियों द्वारा कैंप आयोजकों को सुरक्षा प्रदान करने में असमर्थता व्यक्त करने के मद्देनजर, वाणिज्य दूतावास ने कुछ निर्धारित दूतावास कार्यक्रम शिविरों को रद्द करने का फैसला लिया है।’’
ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में खालिस्तान के समर्थन में बैनर
गौरतलब है कि 3 नवंबर को ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में विरोध प्रदर्शन हुआ और सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में प्रदर्शनकारियों को खालिस्तान के समर्थन में बैनर थामे देखा गया। प्रदर्शनकारियों ने लोगों के साथ मारपीट की और वाणिज्य दूतावास के कार्यक्रम को बाधित किया।
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इस घटना की कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निंदा करते हुए कहा था कि प्रत्येक कनाडाई को स्वतंत्र रूप से और सुरक्षित रूप से अपने विश्वास का पालन करने का अधिकार है। भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि नई दिल्ली कनाडा में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है।
गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर में खालिस्तान चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंध गंभीर तनाव में आ गए। भारत ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया था। भारत का कहना है कि दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दा कनाडा की धरती पर सक्रिय खालिस्तान समर्थक तत्वों को छूट देने का है।