भारत और अफगानिस्‍तान एयर कॉरिडोर के लिए समझौता करने पर राजी हुए हैं। अफगानिस्‍तानी मीडिया ने राष्‍ट्रपति अशरफ गनी के हवाले से यह जानकारी दी है। पझवोक अफगान न्‍यूज ने लिखा है, ”अफगान सामान हवाई मार्ग से भेजने के लिए एयर कॉरिडोर बनाने को हम भारत के साथ एक समझौते पर पहुंचे हैं।” अफगान राष्‍ट्रपति गनी ने पिछले महीने भारत की दो दिवसीय यात्रा के दौरान भारतीय कारोबारियों से हवाई रास्‍ते के उपयोग के लिए कहा था। इससे कि चारों ओर जमीन से घिरे उनके देश को मदद मिले। उनका इशारा पाकिस्‍तान की ओर था।सितम्‍बर के शुरू में उन्‍होंने पाकिस्‍तान से कहा भी था कि वह भारत के साथ व्‍यापार के लिए उसके रास्‍तों का उपयोग करने दे। पाकिसतान ने इससे इनकार कर दिया था।

भारत और अफगानिस्‍तान के बीच साल 2014-15 में 685 मिलियन डॉलर का कारोबार हुआ है। हालांकि वाघा-अटारी रास्‍ते को खोल दिए जाने पर इसमें बढ़ोत्‍तरी हो सकती है। लेकिन अफगानिस्‍तान पाकिस्‍तान ट्रांजिट ट्रेड एग्रीमेंट इस मामले में इतना उदार नहीं है। यइ संधि साल 1950 में हुई थी। इसके तहत अफगानिस्‍तान को कराची से होकर ड्यूटी फ्री सामान ले जाने की अनुमति दी गई थी। गनी ने हाल ही में ब्रिटेन के विशेष दूत ओवेन जेनकिंस से मुलाकात के दौरान कहा, ”यदि पाकिस्‍तान ने अफगान व्‍यापारियों को उनके सामान के आयात और निर्यात के लिए वाघा बोर्डर का इस्‍तेमाल नहीं करने दिया तो अफ‍गानिस्‍तान भी पाकिस्‍तान को अफगान ट्रांजिट रूट का उपयोग नहीं करने देगा।” अफगान ट्रांजिट रूट के जरिए पाकिस्‍तान मध्‍य एशिया और अन्‍य देशों से कारोबार करता है।

गनी ने आगे कहा कि अफगानिस्‍तान अब पहले की तरह जमीन से घिरा हुआ देश नहीं है। इसके पास आयात और निर्यात के लिए कई रास्‍ते हैं। अफगानिस्‍तान और पाकिस्‍तान के बीच कई मुद्दों पर तनातनी है। पाकिस्‍तान ने हाल ही में तूरखाम बॉर्डर पर प्रत्‍येक अफगानी व्‍यक्ति से पासपोर्ट और वीजा लाने को अनिवार्य कर दिया है। गनी ने कहा कि पाकिस्‍तान हमेशा अफगानिस्‍तान के ताजे फलों को भेजे जाने के रास्‍तों को बंद कर देता है। इससे व्‍यापारियों को करोड़ों रुपयों को नुकसान होता है।