फ्रांस की एक अदालत ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख क्रिस्तीन लगार्दे को शुक्रवार (22 जुलाई) को आदेश दिया कि वह एक विवादित कारोबारी को विशाल रकम की अदायगी के मामले में अदालती कार्यवाही का सामना करें। उस वक्त लगार्दे फ्रांस की वित्तमंत्री थीं। फ्रांस की सर्वोच्च अपीली अदालत ने राज्य स्वामित्व वाले बैंक और कारोबारी बर्नार्द तेपी के बीच एक विवाद के निबटारे में गफलत बरतने के सिलसिले में उनपर मुकदमा चलाने के फैसले के खिलाफ उनकी चुनौती रद्द कर दी।
लगार्दे ने एडिदास की बिक्री पर लंबे चले विवाद को मध्यस्थता से निबटाने का आदेश दिया जिससे तेपी को 2008 में मुआवजे के तौर पर 44 करोड़ 50 लाख डॉलर की विशाल रकम हाथ लगी। शुक्रवार (22 जुलाई) के आदेश का मतलब है कि आईएमएफ की 60 वर्षीया प्रमुख को विशेष न्यायाधिकरण के समक्ष पेश होना होगा जो अपने फर्ज की अदायगी में आरोपित सरकारी मंत्रियों के खिलाफ मामलों की सुनवाई करता है।
यह आदेश आईएमएफ प्रमुख के लिए एक जबरदस्त धक्का है जिन्हें लंबे अरसे से फ्रांस की भावी राष्ट्रपति के रूप में देखा जाता रहा है। लगार्दे का कहना है कि उन्होंने फ्रांस के श्रेष्ठ हितों में काम किया है। आईएमएफ ने उनमें विश्वास जताया है। आईएमएफ के प्रवक्ता गेरी राइस ने कहा कि उनका संगठन ‘प्रभावी तरीके से अपने फर्ज अदा करने की प्रबंध निदेशक की क्षमता में विश्वास जताना जारी रखे है।’ लगार्दे की वकील पैट्रिक मैसोंवे ने कहा कि उन्हें ‘यकीन’ है कि वह तमाम आरोपों से बरी हो जाएंगी।