चीन ने साउथ चाइना सी में 3200 एकड़ जमीन पर फिर से कब्‍जा कर लिया है। बीजिंग ने विवादित क्षेत्र में भले ही इतनी जमीन पर कब्‍जा कर लिया है, लेकिन उसका पूरा फोकस उन कृत्रिम द्वीपों पर ही है, जिन्‍हें उसने सैन्‍य क्षमता में विस्‍तार के मकसद से बनाया है। हाल ही में पेंटागन ने नई सैटेलाइट तस्‍वीरें जारी की हैं, जिनके आधार पर दावा किया गया है, चीन ने साउथ चाइना में अपनी क्षमता में बेतहाशा वृद्धि की है। पेंटगान के मुताबिक, चीन आइलैंड पर मिलिट्री इन्फास्ट्रक्चर के अलावा सर्विलांस सिस्टम भी लगा रहा है।

आपको बता दें कि यूएस डिफेंस डिपार्टमेंट ने ‘चाइना मिलिट्री एक्टिविटीज इन 2015’ नाम की वार्षिक रिपोर्ट कांग्रेस में पेश की है। इसमें बताया गया है कि चीन जो कृत्रिम द्वीप बनाए हैं, वहां उसने 9,800 फीट लंबे रन-वे तैयार कर लिए हैं। ईस्ट एशिया के डिप्टी असिस्टेंट सेक्रेटरी अब्राहम डेनमार्क ने बताया, “चीन लगातार सैन्‍य शक्ति में इजाफा कर रहा है।”

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चीन ने अप्रैल में पहली बार साउथ चाइना सी के विवादित द्वीप पर मिलिट्री एयरक्राफ्ट की लैंडिंग कराई थी। अमेरिका निगरानी के लिए कई बार अपने जंगी जहाज चीन के द्वीपों के पास भेजता रहता था, लेकिन ड्रैगन सैन्‍य क्षमताओं में विस्‍तार का कार्य जारी रखे हुए हैं।

चीन साउथ चाइना सी में 12 नॉटिकल माइल इलाके पर हक जताता है। इसी जलक्षेत्र के बीच चीन कृत्रिम द्वीप बना लिए हैं। चीन के अलावा दक्षिण-पूर्व एशिया के कई देश (ताइवान, फिलीपींस, वियतनाम और मलेशिया) भी इस इलाके पर अपना दावा जताते हैं। साउथ चाइना सी के बारे में कहा जाता है कि यहां तेल और गैस के बड़े भंडार हैं। अमेरिका के मुताबिक, इस इलाके में 213 अरब बैरल तेल और 900 ट्रिलियन क्यूबिक फीट नेचुरल गैस का भंडार है। इस समुद्री रास्ते से हर साल 7 ट्रिलियन डॉलर का कारोबार भी होता है। चीन ने 2013 के आखिर में एक बड़ा प्रोजेक्ट चलाकर पानी में डूबे रीफ एरिया को आर्टिफिशियल आइलैंड में बदल दिया था और तभी से वह इस क्षेत्र में सैन्‍य ताकत बढ़ा रहा है।