अक्टूबर महीने की शुरुआत ईरान के इजरायल पर हमले के साथ हुई और अब आखिरी दिन इजरायल के ईरान पर हमले से जुड़े तनाव के बीच गुज़र रहे हैं। ईरान कई कई सैन्य ठिकानो पर हुए हमलों में 4 सैनिक मारे गए हैं। हालांकि ईरान का कहना है कि उसे बहुत ज़्यादा नुकसान नहीं हुआ है। अब सबसे अहम सवाल यह है कि दोनों देशों के बीच एक कदम आगे बढ़ चुकी इस तल्खी का असर क्या होगा? अगर अब ईरान ने हमला किया तो दुनिया पर इसका प्रभाव क्या पड़ेगा? कई देशों ने बयान जारी कर दोनों देशों से शांति बनाए रखने की अपील की है, यदि फिर भी बात आगे बढ़ती है तो क्या असर हो सकता है। इस आर्टिकल में यही समझने की कोशिश करते हैं।

ईरान-इजरायल तनाव: आगे क्या?

रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका ने शुक्रवार रात ईरान पर किए गए हमलों में भाग नहीं लिया। इजरायल के ईरान पर हुए हमलों का सीधा मतलब है कि ईरान के परमाणु प्रोजेक्ट और उसके तेल और एनर्जी इन्फ्रास्ट्रक्चर पर यह एक प्रहार है। जैसा की अमेरिका कहता रहा है कि वह ऐसी किसी भी स्थिति का समर्थन नहीं करता है। क्योंकि इससे युद्ध का खतरा बढ़ जाएगा। बावजूद इसके अमेरिका ने इजरायल में टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD एंटी-मिसाइल) सिस्टम तैनात किया है और ईरान द्वारा जवाब दिए जाने की स्थिति में इजरायल की संभावित रक्षा में भाग लेने के लिए क्षेत्र में F-16 लड़ाकू जेट भेजे हैं।

गाजा, लेबनान पर हमलों के विपरीत इजरायल के लिए ईरान पर हमला करना और इसे आगे बढ़ाना उतना आसान नहीं है। लेकिन कुछ एक्स्पर्ट्स मानते हैं कि इजरायल ऐसा कर भी सकता है और यह हमले और ज़्यादा विनाशकारी हो सकते हैं, जिससे ईरान के परमाणु प्रोजेक्ट को काफी नुकसान पहुंच सकता है।

अब ईरान क्या करेगा?

अब सवाल यह है कि ईरान आगे क्या करेगा? क्योंकि अब अगली चाल उसे ही चलनी है। क्योंकि ईरान पहले ही वादा कर चुका है कि अगर इजरायल हमला करता है तो वह कठोर जवाब देगा। दोनों देशों के पिछले कुछ महीने में लिए गए फैसलों से यह साफ नजर आता है कि इजरायल हमेशा ईरान से एक कदम आगे रहने की कोशिश में है। इसके उदाहरण –अप्रैल में उसके ईरान पर हमले, तेहरान में इस्माइल हानिया की हत्या, हिजबुल्लाह कमांडर हसन नसरल्लाह की हत्या और अब यह ताजा हमले हैं-, ऐसे में ईरान के ऊपर इस फैसले का भार है कि उसे अगला कदम क्या उठाना चाहिए? क्योंकि इसके परिणाम घातक हो सकते हैं, एक ऐसे वक़्त में जब वह परमाणु प्रोजेक्ट की राह में काफी आगे आ चुका है।

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इजरायल भी बात आगे बढ़ाना नहीं चाहता

कुछ एक्स्पर्ट्स मानते हैं कि इजरायल भी ईरान के साथ इस बात को और आगे नहीं बढ़ाना चाहता। इसका उदाहरण उसके हमलों के तरीकों से नज़र आता है। इजरायल ने पूरी सावधानी बरतते हुए नागरिकों को बचाते हुए ईरान पर हमले किए हैं। उसका लक्ष्य कभी यह नहीं था कि वह ईरान के घनी आबादी वाले क्षेत्रों को निशाना बनाए। इसका दूसरा पहलू यह माना जाता है कि इजरायल का पूरा ध्यान फिलहाल गाजा, लेबनान पर है।