Israel-Hezbollah War: 2024 मध्य पूर्व के लिए काफी अहम रहा। इस दौरान यहां बड़े पैमाने पर संघर्ष देखने को मिला। लेबनान में हिजबुल्लाह के लड़ाके दस सालों से करीब वॉकी-टॉकी का इस्तेमाल कर रहे थे, लेकिन उनको इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि जिसका वह इस्तेमाल कर रहे हैं वह एक दिन उनके काफी खतरनाक साबित होगा। हिजबुल्लाह के लड़ाकों को इस बात के बारे में नहीं पता था कि जिस वॉकी-टॉकी से वह एक-दूसरे से संपर्क कर रहे हैं उसके साथ में छेड़छाड़ की गई है। उनमें किसी भी वक्त धमाका हो सकता है।

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल सितंबर में लेबनान में पेजर्स और वॉकी-टॉकी में सिलसिलेवार तरीके से विस्फोट हुए। इन धमाकों में कई लोगों की जान चली गई और सैंकड़ों लोग घायल भी हो गए। इजयरायल के दो पूर्व एजेंटों ने जानकारी देते हुए कहा कि मोसाद ने वॉकी-टॉकी में लगने वाली बैटरियों के अंदर एक उपकरण छिपा कर रखा था। वॉकी-टॉकी को ज्यादातर सर्ट के ऊपर वाली पॉकेट के पास में रखा जाता है।

फर्जी कंपनी का निर्माण किया

हिजबुल्लाह ने करीब 10 साल पहले बहुत बड़ी कीमत पर 16 हजार वॉकी-टॉकी को खरीदा था। सबसे खास बात यह है कि ये एक फर्जी कंपनी से खरीदे थे। एजेंटों ने कहा कि सप्लाई चेन को अपने साथ करने के लिए हम फर्जी कंपनियों का निर्माण करते हैं। हम एक फर्जी दुनिया का निर्माण करते हैं। मोसाद को जानकारी मिली कि उस वक्त हिजबुल्लाह गोल्ड अपोलो नाम की एक ताइवानी कंपनी से पेजर को खरीद रहा था। फिर इसके बाद उन्होंने इसी कंपनी के नाम पर एक फर्जी कंपनी को तैयार कर दिया। पेजर को बनाने में उन्होंने विस्फोटक डालने का काम शुरू किया।

पेजर क्या है? क्या सच में इसमें धमाके हो सकते हैं

मोसाद पर शक होने पर हुए धमाके

सबसे अहम बात यह है कि इन पेजर्स में केवल उतना ही विस्फोटक डाला जाता था जितना की किसी शख्स को नुकसान पहुंचाया जा सके। मोसाद ने पेजर्स के लिए एक रिंगटोन का भी चुनाव किया। इन पेजर्स का लेबनान में बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार किया। ताकि इसके जाल में हिजबुल्लाह को फंसाया जा सके। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हिजबुल्लाह ने साल 2024 तक करीब पांच हजार पेजर्स को खरीद लिया था। ये हमले इजरायल से तब किए गए जब मोसाद को डर था कि हिजबुल्लाह को उन पर संदेह होने लगा है। पेजर का इस्तेमाल क्यों कर रहे थे हिजबुल्लाह के लड़ाके? पढ़ें पूरी खबर…