अमेरिकी राष्ट्रपति पद की संभावित डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने आरोप लगाया कि उनके रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप उनपर निजी हमले कर रहे हैं क्योंकि रिपब्लिकन नेता के पास उनके खिलाफ कुछ ठोस नहीं है। हिलेरी ने उत्तर कैरोलिना के इस शहर में एक चुनावी रैली में कहा, ‘मैं जानती हूं कि डोनाल्ड ट्रंप को जब कोई बताता है कि उनकी बातें खोखली हैं तो वह नाराज हो जाते हैं।’ डेमोक्रेटिक नेता ने कहा, ‘मेरा कयास है कि कल का मेरा भाषण उन्हें चुभा होगा क्योंकि उन्होंने तुरंत ही ट्विटर पर बेहूदे झूठे और मिथ्यारोपों की झड़ी लगा दी, और उन्होंने आज अपने भाषण में यही किया।’ उल्लेखनीय है कि ट्रंप ने हिलेरी पर ‘विश्व स्तरीय झूठी’ होने का आरोप लगाया। इसके कुछ ही घंटे बाद हिलेरी ने ट्रंप पर यह जवाबी हमला किया।

हिलेरी ने कहा, ‘अब इसके बारे में सोचें। वह मुझपर निजी हमले कर रहे हैं क्योंकि उनके पास कोई ठोस जवाब नहीं है। दरअसल, वह किंग ऑफ डेब्ट (कर्ज का बादशाह) होने के मुद्दे पर और ईर्ष्यालु हो गए। इसलिए वह बस हमारा ध्यान हटाने की कोशिश ही कर सकते हैं। अफसोस कि वह मेरी आस्था पर हमले कर रहे हैं।’ उल्लेखनीय है कि ट्रंप ने डेमोक्रेटिक नेता के धर्म पर सवाल किया था। हिलेरी ने क्लिंटन फाउंडेशन के खिलाफ ट्रंप के आरोपों का जिक्र करते हुए कहा कि वह एक ऐसे परमार्थ न्यास पर हमले कर रहे हैं जो दुनिया भर में जानें बचाता है और जिंदगी बेहतर बनाता है।

हिलेरी ने कहा, ‘यह आश्चर्य की बात नहीं है कि वह इन चीजों को नहीं समझते । क्लिंटन फाउंडेशन दुनिया भर में गरीब लोगों को एड्स की जीवन-रक्षक दवाओं तक पहुंच पाने में मदद करता है। डोनाल्ड ट्रंप दुनिया भर में गरीब लोगों का उपयोग अपने सूट और टाई के उत्पादन के लिए करते हैं।’ डेमोक्रेटिक उम्मीदवार ने कहा, ‘हम डोनाल्ड ट्रंप को उस तरह अमेरिका को दीवालिया नहीं बनाने दे सकते जिस तरह उन्होंने अपने जुआघरों को दीवालिया कर दिया था। हमें अमेरिकी सपने में एक नया अध्याय जोड़ने की जरूरत है और यह अध्याय 11 (दीवालियापन का कानून) नहीं हो सकता है।’

हिलेरी ने कहा, ‘वामपंथी, दक्षिणपंथी और मध्यमार्गी सभी अर्थशास्त्री सहमत हैं कि डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका को वापस मंदी में ले जाएंगे। इसी हफ्ते सीनेटर जॉन मैककैन के पूर्व आर्थिक सलाहकारों में से एक ने कहा कि ट्रंप की नीतियां 35 लाख नौकरियां खत्म कर देंगी, बिल्कुल खत्म कर देंगी। उनकी कर कटौती का झुकाव धनवानों की तरफ है और ये अगले 20 साल में हमारे राष्ट्रीय कर्ज में 300 खरब डॉलर का इजाफा करेगी।’ उन्होंने कहा, ‘यह स्तब्धकारी है और कोई हैरत नहीं कि विश्व अर्थव्यवस्था के प्रमुख खतरों का विश्लेषण करने वाली अग्रणी कंपनियों में से एक, इकोनोमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट अब चीन में समस्या और जिंस बाजार में उतार-चढ़ाव के बाद ट्रंप प्रेसिडेंसी को तीसरे नंबर का खतरा मानती है।’