इजरायल और हमास के बीच युद्ध चल रहा है। वहीं इस बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को कहा कि हालांकि इजरायल ने यह युद्ध शुरू नहीं किया है लेकिन इसे खत्म जरूर करेगा। बेंजामिन नेतन्याहू की यह चेतावनी हमास की धमकी के बाद आई है। हमास ने धमकी दी थी कि जब भी इजरायल बिना किसी चेतावनी के फिलिस्तीनी घरों पर बमबारी करेगा तो वह एक इजरायली बंदी को मार डालेगा।
बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, “इजरायल युद्ध में है, हम यह युद्ध नहीं चाहते थे। इसे बेहद क्रूर और बर्बर तरीके से हम पर थोपा गया। हालांकि इस युद्ध की शुरुआत इजरायल ने नहीं की थी, लेकिन इजरायल इसे ख़त्म कर देगा। एक समय यहूदी लोग राज्यविहीन थे, रक्षाहीन थे। अब और नहीं। हमास समझ जाएगा कि हम पर हमला करके उसने ऐतिहासिक गलती की है। हम ऐसी कीमत वसूलेंगे जिसे आने वाले दशकों तक वे और इजरायल के अन्य दुश्मन याद रखेंगे।”
बेंजामिन नेतन्याहू ने आगे कहा, “हमास ने निर्दोष इजरायलियों के खिलाफ जो क्रूर हमले किए, वे हैरान करने वाले हैं। परिवारों को उनके घरों में मारना, एक फेस्टिवल में सैकड़ों युवाओं की हत्या करना, बड़ी संख्या में महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों का अपहरण करना हैरान करने वाला है। हमास के आतंकवादियों ने बच्चों को बंधक बनाया, जलाया और मार डाला।
अमेरिका को धन्यवाद करते हुए बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, “हमास जंगली हैं और आईएसआईएस है। दुनिया की की ताकतों को हमास को हराने में इजरायल का समर्थन करना चाहिए। मैं राष्ट्रपति बाइडेन को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं दुनिया भर के उन नेताओं को धन्यवाद देना चाहता हूं जो आज इजरायल के साथ खड़े हैं। मैं अमेरिका के लोगों और कांग्रेस को धन्यवाद देना चाहता हूं। हमास से लड़ने में, इजरायल न केवल अपने लोगों के लिए लड़ रहा है। यह हर उस देश के लिए लड़ रहा है जो बर्बरता के खिलाफ खड़ा है। इस युद्ध में इजरायल जीतेगा और जब इजरायल जीतता है तो पूरी सभ्य दुनिया जीतती है।”
इजरायली मेडिकल सर्विसेज ने कहा कि फिलिस्तीन स्थित हमास आतंकवादियों द्वारा शनिवार को दक्षिणी इजरायल पर गाजा पट्टी से किए गए घातक हमले के बाद से देश में 900 से अधिक लोग मारे गए हैं। इसमें बीरी में पाए गए 100 से अधिक शव शामिल हैं। मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय की एक रिपोर्ट के अनुसार जवाबी इजरायली हवाई हमले जारी हैं। युद्ध की शुरुआत के बाद से गाजा में 187,500 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।