Israel-Hamas War: फिलीस्तीनी आतंकवादी समूह हमास ने सोमवार को कहा है कि उसने प्रस्तावित बंधक रिहाई और 60 दिन के गाजा सीजफायर के समझौते को स्वीकार कर लिया है। पिछले दो साल से इजराइल और हमास के बीच इस क्षेत्र में भीषण युद्ध हुआ है, जिसके चलते गाजा का पूरा क्षेत्र तबाही की जद में है।
हालांकि, सऊदी के चैनल अल अरबिया के अनुसार, यह प्रस्ताव पूर्ण युद्धविराम और अस्थायी युद्धविराम के बीच एक समझौते का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें शेष बंधकों की रिहाई और गाजा से इजराइली सेना की क्रमिक वापसी शामिल है।
जमीनी हमलों के डर से घर छोड़ रहे लोग
सीजफायर को लेकर यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब हज़ारों फ़िलिस्तीनी इज़रायली ज़मीनी हमले के डर से गाज़ा शहर के पूर्वी इलाकों में अपने घरों से भाग रहे हैं। इस नियोजित हमले ने मिस्र और क़तर के युद्धविराम मध्यस्थों को अपनी कोशिशें तेज करने के लिए प्रेरित किया है। काहिरा में हमास उग्रवादियों के साथ बातचीत के हवाले से एक सूत्र ने यह भी कि ये सीजफायर की आखिरी कोशिश भी हो सकती है।
इजराइल ने रखी थी शर्त
इजराइल ने कहा है कि यदि सभी बंधकों को रिहा कर दिया जाए और हमास अपने हथियार डाल दे तो वह शत्रुता समाप्त करने पर सहमत हो जाएगा। इजराइल की मांग को आतंकवादी समूह ने सार्वजनिक रूप से तब तक के लिए अस्वीकार कर दिया है जब तक कि एक फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना नहीं हो जाती।
इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा शहर को हमास का आखिरी बड़ा शहरी गढ़ बताया है लेकिन, गाजा के 75 प्रतिशत हिस्से पर इज़राइल का कब्ज़ा होने के कारण, सेना ने चेतावनी दी है कि हमले का विस्तार करने से जीवित बंधकों को खतरा हो सकता है और सैनिकों को लंबे और घातक गुरिल्ला युद्ध में उलझना पड़ सकता है।